सुशांत सिंह राजपूत केस : सुप्रीम कोर्ट में मुंबई पुलिस पर लगे सबूतों से छेड़छाड़ के आरोप, देखिए SC की ये रिपोर्ट
अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत के मामले में लगातार नए मोड़ आते जा रहे हैं। हालांकि सुशांत सिंह राजपूत का केस अब सीबीआई को सौंप दिया गया है। ऐसे में आज सुप्रीम कोर्ट में सुशांत सिंह राजपूत के केस पर सुनवाई हुई। बिहार सरकार की तरफ से वरिष्ठ एडवोकेट मुकुल रोहतगी, सुशांत के पिता की तरफ से वरिष्ठ एडवोकेट विकास सिंह और महाराष्ट्र सरकार की तरफ से वरिष्ठ एडवोकेट आर बसंत ने पक्ष रखा।
इस दौरान सुशांत सिंह राजपूत के पिता के वकील विकास ने कहा कि मुंबई पुलिस सबूतों के साथ छेड़छाड़ कर रही है। मुंबई पुलिस बिहार पुलिस के साथ को ऑपरेट करें। जबकि महाराज से सरकार की तरफ वहां मौजूद एडवोकेट बसंत ने कहा कि मुंबई में जांच का अधिकार पटना पुलिस को नहीं है।
सुप्रीम कोर्ट ने इस पर कहा कि खुद बिहार पुलिस ने इस मामले को सीबीआई के हवाले कर दिया है हम उम्मीद करते हैं कि हर कोई सहयोग करें। जिसके बाद विकास सिंह ने कहा कि सबूतों से छेड़छाड़ की जा रही है जांच के लिए गए अधिकारियों को क्वारंटाइन कर दिया गया है। अनसुना किया जा रहा है। बिहार सरकार की तरफ से सीनियर एडवोकेट मुकुल राज अगले हफ्ते मामले की सुनवाई की जाए। तब तक कोई भी किसी के लिए समस्या पैदा ना करें। इसके जवाब में सुप्रीम कोर्ट ने कहा इस बात का फैसला कोर्ट करेगी।
वकील विकास सिंह ने कहा कि इस मामले में अब कुछ भी नहीं बचा है। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा मैंने f.i.r. पड़ी है सीआरपीसी के प्रासंगिक प्रावधानों को पड़ा है अभी हम कुछ नहीं कह रहे हैं फिलहाल इस मामले में जल्दबाजी नहीं दिखाई जाए।
विकास सिंह ने आगे कहा कि सीआरपीसी 174 कानूनी प्रावधान के तहत कार्यवाही 24 घंटे के तहत पूरी होने का प्रावधान है पर मुंबई पुलिस अभी तक मुंबई फिल्म इंडस्ट्री के लोगों से ही पूछताछ में लगी हुई है। जो गवाह है, वे हैदराबाद, पटना में है इससे वक्त लग रहा है। इसलिए मुंबई पुलिस को निर्देश दिया जाए कि वह पटना पुलिस के साथ को ऑपरेट करें। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा हम दो एजेंसी को एक ही काम करने के लिए निर्देश नहीं दे सकते।
विकास सिंह ने कहा पूछताछ केवल 24 घंटे के लिए है। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा अगर पूछताछ के लिए 24 घंटे का ही महत्व है तो f.i.r. कब दर्ज की गई ? इसके जवाब में सुशांत के पिता के वकील विकास सिंह ने कहा जब हम इस सदमे से उबर ए तो हमने एफ आई आर दर्ज कराई। फिर सुप्रीम कोर्ट ने कहा 24 घंटे तक मामला दायर करने का अहम वक्त गुजर गया है।