वेंटिलेटर पर चला स्वास्थ्य विभाग, भीषण गर्मी में हाथ से पंखा झेल रहे मरीज
उत्तर प्रदेश के जनपद शामली में स्वास्थ्य व्यवस्थाओं का हाल बेहाल है और यहां पर स्वास्थ्य विभाग खुद ही वेंटिलेटर पर चल रहा है.
Health department running on ventilator : उत्तर प्रदेश के जनपद शामली में स्वास्थ्य व्यवस्थाओं का हाल बेहाल है और यहां पर स्वास्थ्य विभाग खुद ही वेंटिलेटर पर चल रहा है यह हम नहीं कह रहे बल्कि शामली से आई यह तस्वीर कह रही हैं. जिनमें अस्पताल में भर्ती मरीज के साथ आए तीमारदार खुद हाथ से पंखा झोल रहे हैं और अस्पताल में वार्ड मे भरती मरीजों को गर्मी मे रहना पड रहा है।
आपको बता दें कि पूरा मामला जनपद शामली का है। जहां पर शामली के सामुदायिक वही जब इस पूरे स्वास्थ्य केंद्र में स्वास्थ्य सेवाएं पूरी तरीके से चरमरा चुकी है और अस्पताल मैं भर्ती मरीजों को इस भीषण गर्मी में हवा तक नहीं मिल पा रही है। जिस कारण वह इस भीषण गर्मी में रहने को मजबूर हैं और अस्पताल के डॉक्टर यहां पर ऐसी के कमरों में बैठकर मरीजों को देख रहे हैं। अस्पताल मैं भर्ती मरीजों के लिए तो पंखे की भी व्यवस्था नहीं है जबकि डॉक्टर एसी के कमरों में बैठे हुए हैं।
अस्पताल मैं भर्ती मरीजों के साथ आए तीमारदारों ने बताया कि पिछले दो-तीन दिन से उनके मरीज यहां पर भर्ती है लेकिन यहां पर लाइट 2 दिनों से तो लाइट आने पर ही पंखे चलते थे और भाग जाने पर पंखे नहीं चलते थे लेकिन बीती रात से तो ने लाइट आने पर और ना ही लाइट जाने पर पंखे चल पा रहे हैं। उनको गर्मी में ही रहना पड़ रहा है और उनके मरीज का ऑपरेशन हुआ है और इस गर्मी में कुछ तो मरीज पहले से ही बीमार है और ऊपर से उसे हवा ना मिले तो वह और बीमार हो जाएगा। इसी कारण वह खुद ही अपने हाथ से मरीजों को हवा कर रहे हैं।
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जिस महिला वार्ड में लाइट नहीं है उसमें दो महिलाए भारतीय हैं। यह दोनों महिलाओं का ऑपरेशन किया गया है 1 को डिलीवरी हुई है। जिसका छोटा सा नवजात शिशु भी इस भीषण गर्मी से बेहाल है।
वही जब इस पूरे मामले पर सीएमओ शामली संजय अग्रवाल से बात की तो उन्होंने कैमरे पर कुछ भी बोलने से मना कर दिया। अस्पताल में भर्ती मरीज के पति आसिफ ने बताया कि उसकी पत्नी का ऑपरेशन हुआ है और वह पिछले 3 दिन से यहां पर बढ़ती है लेकिन यहां पर लाइट की कोई सही व्यवस्था नहीं है.
लाइट जाने के बाद यहां पर पंखा नहीं चलता और इधर इनवर्टर का कनेक्शन लेकर पंखा चला आया था लेकिन अस्पताल के ही कोई डॉक्टर लोग आए और उसका तार हटा कर फेंक गए और हमने शामली में अपने रिश्तेदारों को फोन कर कर उनके यहां से एक छोटा सा कूलर मंगवाया है ताकि इस भीषण गर्मी से बचा जा सके। जिसको हमने दूसरे वार्ड से लाइट लेकर चलाया है क्योंकि हमारे वार्ड में तो लाइट ही नहीं है।