अमृतपाल के पास कोई दूसरा चारा नही था – पंजाब पुलिस
36 दिन से छिप रहे भगोड़े अमृतपाल सिंह को आज पंजाब पुलिस ने अपनी गिरफ्त में लेलिया है।
अमृयपाल सिंह, जिन्होंने एक अलग सिख मातृभूमि, खालिस्तान के गठन के आह्वान का समर्थन किया था, हत्या के प्रयास, कानून प्रवर्तन में बाधा और वैमनस्य पैदा करने सहित कई आरोपों के लिए जिम्मेदार है।
तलवारों, चाकुओं और बंदूकों से लैस अमृतपाल और उसके समर्थकों ने मार्च में एक पुलिस थाने पर धावा बोला था और पुलिसकर्मियों से उनकी झड़प हुई थी। पुलिस ने कहा कि उन्हें सूचना मिली थी कि सिंह मोगा जिले के पास रोडे गांव में मौजूद है और उसने गांव के सभी मार्गों को बंद करने के लिए बड़ी संख्या में कर्मियों को तैनात किया है। उन्होंने कहा कि सिंह एक गुरुद्वारे के अंदर था, गिरफ्तार करते समय अमृतपाल ने गुरुद्वारे की गरिमा बनाए रखी थी।
वरिष्ठ पुलिस अधिकारी सुखचैन सिंह ने कहा, “अमृतपाल सिंह को पंजाब पुलिस ने आज सुबह करीब 6:45 बजे गांव रोडे से गिरफ्तार किया।”
उन्होंने कहा, “हमने अमृतपाल को संयम से घेर लिया, और उसके पास बचने का कोई रास्ता नहीं था। हमने इंतजार किया और गुरुद्वारे की पवित्रता बनाए रखने के लिए गुरुद्वारे में प्रवेश नहीं किया। हम वर्दी में प्रवेश नहीं कर सकते थे।
पुलिस अधिकारी ने कहा, “अमृतपाल सिंह को राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत डिब्रूगढ़ भेजा गया है और उससे गहन पूछताछ की जाएगी।”
राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम सरकार को संदिग्धों को एक साल तक बिना मुकदमे के हिरासत में रखने की अनुमति देता है, अगर उन्हें राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा माना जाता है। पुलिस ने पंजाब के लोगों को उनके सहयोग के लिए धन्यवाद दिया और कहा कि किसी को भी राज्य में अशांति पैदा करने की अनुमति नहीं दी जाएगी।
सुखचैन सिंह ने कहा, “हम पंजाब में शांति और कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध हैं। जो कोई भी गड़बड़ी पैदा करने की कोशिश करेगा, उससे सख्ती से निपटा जाएगा।”