11 साल बाद दबोचा गया HDFC बैंक का मैनेजर, लोन के नाम पर ऐसे करता था फर्जीवाड़ा!
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कानपुर. कानपुर (Kanpur) की आर्थिक अपराध अनुसंधान शाखा (EOW) ने एचडीएफसी बैंक (HDFC Bank) लखनऊ के क्षेत्रीय प्रबंधक वैभव श्रीवास्तव को रविवार शाम उसके घर से गिरफ्तार कर लिया. सोमवार को उसे कोर्ट में पेश किया जाएगा. इस मामले में 6 लोगों के खिलाफ कानपुर के अनवरगंज थाने में मुकदमा दर्ज है. ईओडब्ल्यूके एसपी बाबूराम ने बताया कि वर्ष 2009 में काकादेव क्षेत्र स्थित गोपाला टावर के पास रहने वाले सचिन कुमार ने खुद को एक स्कूल का प्रबंधक एवं मालिक बताते हुए टाटा इंडिका कार फाइनेंस कराने के लिए लोन की इच्छा जाहिर की थी.
बताया जाता है कि गुजैनी निवासी अवधेश कुमार पांडे गारंटी लेने के लिए तैयार हो गए. इसके बाद लोन दस्तावेज तैयार कराकर बैंक को सौंपे गए. औपचारिकताएं पूरी होने के बाद बैंक ऑफ बड़ौदा ने लोन की राशि के हिसाब से ऑटो डीलर फर्म के नाम 4.24 लाख का चेक जारी किया. आरोपितों ने गोविंद नगर स्थित एचडीएफसी बैंक में चेक लगाकर लोन की रकम निकाल ली. लोन की किस्तें जमा ना होने पर बैंक ऑफ बड़ौदा में अपने शाखा के अधिकारियों से जब जांच कराई तो पता लगा कि सचिन अवधेश ने मनोज सिंह व अन्य के साथ मिलकर फर्जी तरीके से फर्जी सेल इनवॉइस लगाई गई डीलर फॉर्म बताए गए पते पर ही नहीं थी. और ना ही उससे कोई वाहन खरीदा गया.
लगभग एक साल तक जांच चलती रही और इसके बाद वर्ष 2011 में बैंक ऑफ बड़ौदा के प्रबंधक इंद्रपाल सिंह ने मुकदमा दर्ज कराया. ईओडब्ल्यू के एसपी बाबूराम ने बताया कि जांच में लोन जारी करते समय एचडीएफसी बैंक के प्रबंधक रहे वैभव श्रीवास्तव की मिलीभगत सामने आई. उसने फर्जी खाते खुलवा कर भुगतान कराया था. वर्तमान में वैभव श्रीवास्तव क्षेत्रीय प्रबंधक है. एसपी के मुताबिक इनके साथ रामनाथ मल्होत्रा व राकेश द्विवेदी का भी नाम प्रकाश में आया है. शासन से अनुमति मिलने के बाद रविवार को टीम भेजकर आरोपित वैभव श्रीवास्तव को लखनऊ उनके आवाज से गिरफ्तार किया गया. बाकी आरोपियों की भी तलाश जारी है.