HC ने रामदेव को दी नसीहत, जाने क्या
डॉक्टरों को लेकर स्वामी रामदेव के द्वारा दिए गए बयान के मामले में डीएमए की अर्जी पर सुनवाई के दौरान दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा कि यह व्यक्ति की अपनी व्यक्तिगत राय है इस मामले पर मुकदमा करने का क्या औचित्य है? कोर्ट ने कहा कि क्या एलोपैथी इतनी कमजोर साइंस है कि किसी के बयान देने पर कोर्ट में अर्जी दाखिल कर दी जाए? वहीं इस मामले में कोर्ट ने बाबा रामदेव को भी नसीहत दी कि आप कोरोनिल का प्रचार करे कोई दिक्कत नहीं है, पर एलोपैथी को लेकर ऐसे बयान देने से बचें.
बाबा रामदेव के द्वारा एलोपैथी के डॉक्टरों के खिलाफ बयान के मामले में दिल्ली हाईकोर्ट ने रामदेव के वकील को नसीहत देते हुए कहा कि वह अपने क्लाइंट से कहें कि भविष्य में एलोपैथी के बारे में इस प्रकार का कोई बयान न दें. रामदेव के वकील ने कहा कि वो एक सम्मानित व्यक्ति हैं. कोर्ट के आदेश का उनके क्लाइंट सम्मान करेंगे. कोर्ट ने कहा कि इस मामले में हम कोई भी आदेश जारी नहीं कर रहे हैं. उन्हें पूरी उम्मीद है कि भविष्य में उनके उनके क्लाइंट कोई बयान नहीं जारी करेंगे. दिल्ली हाईकोर्ट ने कोरोनिल के बारे में दिए गए बयान पर कहा कि हम इस मामले में कोई दखल नहीं देंगे.
कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि इस मामले में हम बाबा रामदेव सभी पक्षकारों से जवाब चाहते हैं कोर्ट ने सभी पक्षकारों को जवाब दाखिल करने के लिए 3 हफ्ते का समय दिया है. दिल्ली हाई कोर्ट 13 जुलाई को मामले की अगली सुनवाई करेगा.
कोरोनिल को लेकर हाईकोर्ट ने क्या कहा दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा कि मान लीजिए कि 10 हजार लोग कोरोनिल खरीदते हैं. मान लें कि 9.5 हजार लोग मर गए.उन्हें लगा कि कोरोनिल काम करेगा. आप प्रेस में जाएं और कहें कि देखिए कोरोनिल ने 95% लोगों की हत्या की है. क्या आप ये कह रहे हैं कि रामदेव आपके खिलाफ मुकदमा करेंगे? एलोपैथिक ने कुछ के लिए काम किया है और हमारे लिए काम नहीं किया है. ये किसी का नजरिया है. हाईकोर्ट ने कहा कि यह अदालत यह नहीं कह सकती कि कोरोनिल का इलाज सही है या नहीं. यह ऐसा मामला है जिसे विशेषज्ञ देखने की जरूरत है जिसके लिए चिकित्सा विशेषज्ञों की आवश्यकता होती है. जांच का एक बहुत सौदा है.
डीएम ने हाईकोर्ट में क्या कहा
DMA के वकील ने कहा कि रामदेव एक शक्तिशाली व्यक्ति है. हमने बहुत सारी शिकायतें की हैं. वो.सामने आकर कहते हैं कि कोई मुझे गिरफ्तार नहीं कर सकता. कोर्ट ने कहा कि मैं एक काम करूंगा, नोटिस जारी करूंगा. मैं अंतरिम राहत नहीं दे सकता. हाईकोर्ट ने DMA के वकील से कहा कि आपकी नजर में अंतरिम राहत क्या है? DMA के वकील ने कहा कि रामदेव को सीधे या परोक्ष रूप से आपत्तिजनक सामग्री प्रकाशित करने से रोका जाए. कोर्ट ने कहा कि वो तो पहले से ही इंटरनेट पर है. DMA के वकील- बिना शर्त माफी मांगें बाबा रामदेव. उन्होंने माफी मांगने से इन्कार किया है. कोर्ट ने कहा कि यह अंतरिम चरण में नहीं हो सकता.