हजारीबाग : एनटीपीसी के 55 करोड़ के कोयला को आग से बचाना जरूरी : प्रशांत कश्यप
हजारीबाग।बड़कागांव के नगड़ी स्थित क्रस्ट डंप के अलावा छह विभिन्न स्थानों में डंप पांच लाख टन से अधिक कोयला का मूल्य करीब 55 करोड़ रुपये बताया गया है। एनटीपीसी के कार्यकारी निदेशक प्रशांत कश्यप ने बताया कि इस 55 करोड़ रुपये के कोयले को बचाना न केवल एनटीपीसी, बल्कि सरकार व जिला प्रशासन की भी जिम्मेवारी है। उन्होंने कहा कि इसी दिशा में उन्होंने राज्य के मुख्यमंत्री व जिला प्रशासन को भी सूचित करते हुए उचित विधि व्यवस्था बनाने की दिशा में कार्य का आग्रह किया है, ताकि कोयले के डंप में आग लगने से बचाया जा सके और इसे निकालकर ताप विद्युत संयंत्र तक पहुंचाया जा सके। उन्होंने कहा कि कई बार इस ढेर में आग लग चुका है। हालांकि उसे बुझा दिया गया। उच्च गुणवत्ता का कोयला होने के कारण आग लगने की संभावना अधिक है। जल्दी से जल्दी कोयले को ताप विद्युत इकाइयों तक पहुंचाने की दिशा में ही पिछले 18 सितंबर को सीएमडी ने मुख्यमंत्री से मुलाकात की। ग्रामीणों के मांग की चर्चा किए जाने पर उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने इसपर संज्ञान लिया था। एनटीपीसी के सीएमडी को वार्ता के लिए आमंत्रित भी किया। उन्होंने कहा कि एनटीपीसी ग्रामीणों की मांग की आलोक में सरकार के आदेश पर कार्य करने को तैयार है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार के निर्देश के आलोक में राज्यपाल द्वारा जारी संकल्प पत्र का अनुपालन एनटीपीसी कर रही है।
पिछले तिमाही में करीब 150 करोड़ का नुकसान
प्रशांत कश्यप ने कहा कि ग्रामीणों द्वारा किए जा रहे आंदोलन के कारण एनटीपीसी, राज्य व केंद्र सरकार को करीब 150 करोड़ का नुकसान हुआ है। उन्होंने कहा कि एनटीपीसी को 50 करोड़ का नुकसान हुआ है। वहीं राज्य व केंद्र सरकार को 100 करोड़ के राजस्व का नुकसान हुआ है। इस नुकसान की भरपाई नहीं की जा सकती है।
ग्रामीण राज्य सरकार के माध्यम से रखें बात
कश्यप ने कहा कि ग्रामीणों को राज्य सरकार के माध्यम से अपनी बात रखनी चाहिए। उन्होंने कहा कि खदान में उत्पादन व कोयले की ढुलाई रोकना समस्या का समाधान नहीं है। सरकार के स्तर से जो भी निर्देश कंपनी को प्राप्त होगा, उसका अनुपालन कंपनी करेगी। उन्होंने कहा कि ढुलाई व उत्पादन ठप होने से ट्रांस्पोर्टिंग, माईनिंग में लगे चार हजार लोगों की रोजी रोटी प्रभावित हो रही है। समस्या का जल्द समाधान नहीं होने पर कंपनी के साथ साथ आम लोगों को भी नुकसान उठाना पड़ेगा।