Haryana :’तो लुट गए हम…’;पढ़ें Congress समर्थक की कैसे हो गई बल्ले-बल्ले

Congress और इनेलो प्रत्याशियों की जीत-हार को लेकर समर्थकों के बीच एक दिलचस्प शर्त लगी। Congress प्रत्याशी आफताब अहमद की जीत ने उनके समर्थक औरंगजेब को एक अनोखी जीत दिलाई.

Congress | नूंह में चुनावी शर्त बनी चर्चा का विषय: आफताब की जीत पर इनेलो समर्थक को मिला ट्रक

हरियाणा विधानसभा चुनाव 2024 के दौरान Congress और इनेलो प्रत्याशियों की जीत-हार को लेकर समर्थकों के बीच एक दिलचस्प शर्त लगी। Congress प्रत्याशी आफताब अहमद की जीत ने उनके समर्थक औरंगजेब को एक अनोखी जीत दिलाई, जिसमें उन्होंने इनेलो के ताहिर हुसैन के समर्थक से 20 लाख रुपये कीमत का ट्रक जीत लिया।

Congress | शर्त का विवरण

यह मामला उस समय का है जब चुनाव प्रचार अपने चरम पर था। गांव सालाहेड़ी के औरंगजेब और गांव सौंख निवासी इनेलो समर्थक युसूफ के बीच यह शर्त लगी थी। शर्त के अनुसार, यदि आफताब अहमद ताहिर हुसैन को 20 हजार से अधिक मतों से हरा देते हैं, तो युसूफ अपने 12 टायर वाले ट्रक को औरंगजेब को दे देंगे। दूसरी ओर, यदि आफताब की जीत 20 हजार मतों से कम होती है, तो औरंगजेब को युसूफ को 6 लाख 10 हजार रुपये की नकदी देनी थी।

हलफनामा और नोटरीकरण

दोनों पक्षों के बीच यह शर्त पूरी गंभीरता से की गई थी। इसके लिए 27 सितंबर को एक हलफनामा तैयार किया गया था, जिसे नोटराइज्ड भी कराया गया। इस हलफनामे में शर्तों को स्पष्ट रूप से लिखा गया था, जिससे किसी भी प्रकार की विवाद की स्थिति से बचा जा सके। इसके बाद, गवाह खूबी के पास तय किया गया कि वह ट्रक या राशि को सुरक्षित रखेगा।

चुनाव परिणाम और खुशी का माहौल

आफताब अहमद की जीत के बाद औरंगजेब ने खुशी से यह ट्रक अपने नाम किया। यह घटना न केवल क्षेत्र में चर्चा का विषय बनी, बल्कि यह चुनावी राजनीति के अनोखे पहलू को भी उजागर करती है। इलाके में लोग इस घटना को लेकर चर्चा कर रहे हैं और इसे चुनावी माहौल का एक रोचक उदाहरण मान रहे हैं।

सामाजिक और राजनीतिक प्रभाव

इस तरह की शर्तें और दांव चुनावी राजनीति में एक नई रोशनी डालती हैं। यह दर्शाता है कि चुनाव केवल राजनीतिक लड़ाई नहीं हैं, बल्कि यह समर्थकों के बीच व्यक्तिगत संबंधों और वादों का भी हिस्सा होते हैं। इसके साथ ही, यह समाज में चुनावी प्रक्रिया के प्रति लोगों की रुचि और सक्रियता को भी दिखाता है।

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इस घटना ने यह सिद्ध कर दिया है कि चुनावी राजनीति में लोग अपनी भावनाओं और समर्थन के लिए कितना गंभीर होते हैं। आफताब अहमद की जीत ने न केवल उनके समर्थकों के लिए खुशी का कारण बना, बल्कि यह स्थानीय राजनीति में भी एक नया मोड़ ला दिया है। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या इस तरह की शर्तें और दांव आगे भी चुनावों में देखने को मिलेंगे।

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