सफीदों में भाजपा के त्रिदेव सम्मेलन का विरोध:किसानों ने जींद-पानीपत स्टेट हाईवे किया जाम,
कार्यक्रम छोड़कर भागे BJP नेता; अनुमति देने वाले स्कूल का बहिष्कार करेंगे किसान
निजी स्कूल के बाहर प्रदर्शन करते किसान।
जींद जिले के सफीदों क्षेत्र में किसानों ने रविवार को जींद रोड पर स्थित एक निजी स्कूल के बाहर पहुंचकर वहां चल रहे भाजपा के त्रिदेव सम्मेलन को ग्रहण लगा दिया। भाजपा के त्रिदेव सम्मेलन के आयोजन की जैसे ही क्षेत्र के किसानों व मजदूरों को भनक लगी, तो वे सैकड़ों की तादाद में काले झंडे लेकर स्कूल के बाहर पहुंच गए और सरकार व भाजपा के खिलाफ जमकर नारेबाजी शुरू कर दी। मौके पर डीएसपी धर्मवीर खर्ब, एसएचओ सिटी महेंद्र सिंह व एसएचओ सदर कृष्ण कुमार सहित भारी तादाद में पुलिस बल तैनात रहा।
भजपा यहां एक निजी स्कूल में भाजपा कार्यकर्ताओं को पार्टी की नीतियों व आगामी कार्यक्रमों से अवगत करवाने के लिए त्रिदेव सम्मेलन का आयोजन किया गया था। इस सम्मेलन में राई के विधायक मोहनलाल, जींद के विधायक कृष्ण लाल मिड्ढा, जिलाध्यक्ष राजकुमार मोर, प्रदेश प्रवक्ता एडवोकेट विजयपाल सिंह, पूर्व मंत्री बचन सिंह आर्य, पूर्व विधायक कलीराम पटवारी व वरिष्ठ भाजपा नेता कर्मवीर सैनी विशेष रुप से पहुंचे हुए थे। स्कूल में कार्यक्रम लगभग समाप्ति की ओर अग्रसर था ही कि तभी किसान कार्यक्रम स्थल के बाहर पहुंच गए और अपना प्रदर्शन शुरू कर दिया। किसानों को मौके पर मौजूद पुलिस अधिकारियों ने काफी समझाने का प्रयास किया, लेकिन वे नहीं माने।
स्कूल के बाहर बीजेपी के खिलाफ नारेबाजी करते किसान।
जींद-पानीपत हाईवे को किया जाम
किसानों ने पुलिस को कहा कि वे कुछ समय देते हैं। इस समय के अंदर-अंदर भाजपा नेता व कार्यकर्ता अपना कार्यक्रम को तत्काल खत्म करके निकल जाएं अन्यथा स्कूल के गेट पर ताला जड़ दिया जाएगा। प्रशासन ने इसकी सूचना आयोजकों को दी, लेकिन प्रोग्राम रद्द करने में लेटलतीफी होते देख किसानों ने जींद-पानीपत हाईवे को जाम कर दिया और वह सड़क पर ही बैठकर नारेबाजी करने लगे। किसानों के सड़क पर बैठने के कारण सड़क के दोनों ओर वाहनों की लंबी-लंबी कतारें लग गईं। प्रशासन ने भाजपा नेताओं को फिर इसकी सूचना दी। उसके उपरांत एक-एक करके बीजेपी नेता अपनी-अपनी गाड़यों में बैठकर कार्यक्रम स्थल से तेज रफ्तार से निकलते हुए दिखाई दिए।
किसानों का कहना था कि देश और प्रदेश की बीजेपी सरकार माहौल खराब करना चाहती है। यह सरकार देश की सार्वजनिक संपत्तियों को बेचने व खेती को बर्बाद करने पर तुली हुई है। यह सरकार किसानों की हत्यारी सरकार है। हाल ही में घटा उत्तरप्रदेश का लखीमपुर खीरी का मामला सबके सामने है। उन्होंने कहा कि यह आंदोलन केवल किसान व मजदूरों का आंदोलन नहीं बल्कि पूरे देश का आंदोलन बन चुका है। उन्होंने सरकार से मांग कहा कि सरकार तीनों कृषि कानूनों को तत्काल रद्द करे और एमएसपी की गारंटी दे। किसानों ने साफ किया कि सफीदों क्षेत्र में जहां-जहां पर भी भाजपा की मीटिंग होगी वे वहां उनका विरोध करेंगे।
मौके पर मौजूद पुलिसकर्मी किसानों को शांत करने का प्रयास करते हुए।
निजी स्कूल का बहिष्कार करने की घोषणा
किसानों ने यह भी घोषणा की कि जिस निजी स्कूल में इस कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा था, उस स्कूल का किसान बहिष्कार करेंगे। कल से इस स्कूल की बस जिस-जिस गांव में जाएगी, उसका विरोध किया जाएगा। स्कूल संचालक सोच-समझकर बसों को गांवों में भेजे। इस स्कूल में काफी बच्चे किसानों के पढ़ते हैं। कल से किसान अपने-अपने बच्चे इस स्कूल में नहीं भेजेंगे। किसानों का कहना था कि स्कूल का काम बच्चों को शिक्षित करना होता है न कि राजनीति करना। इस स्कूल के मालिक ने इस स्कूल को शिक्षा के मंदिर की बजाए राजनीतिक अखाड़ा बनाकर रख दिया है।
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