वैश्य होने की वजह से स्वास्थ्य मंत्री के पद से हटाए गए हर्षवर्धन
स्वास्थ्य मंत्री के पद से डॉ. हर्षवर्धन को हटाए जाने के मसले को आम आदमी पार्टी ने जाति से जोड़ दिया है। राज्यसभा में कोरोना पर बहस के दौरान आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद सुशील कुमार गुप्ता ने कहा कि उन्हें हेल्थ मिनिस्टर के पद से इसलिए हटा दिया गया क्योंकि वह वैश्य समुदाय के थे और डॉक्टर थे। सुशील कुमार गुप्ता ने कहा, ‘डॉ. हर्षवर्धन को आपने हटा दिया। वह एक डॉक्टर थे। किसी भी असफलता के लिए सिर्फ एक मंत्री की जिम्मेदारी नहीं है। यह सामूहिक जिम्मेदारी है। यदि बदलना ही है तो फिर सभी को बदलना चाहिए था। आपने उन्हें सिर्फ इसलिए हटा दिया क्योंकि वह वैश्य थे।’
आप सांसद बोले, मोदी जाति की बात करते हैं तो भी अपने समाज की बात कर रहा
आप सांसद ने कहा कि कोरोना की दूसरी लहर के दौरान सरकार असफल रही और यह पूरे सिस्टम की गलती है। इसके लिए जिम्मेदार सामूहिक बनती है और सभी को हटाय़ा जाना चाहिए, लेकिन सिर्फ एक मंत्री को ही हटा दिया गया। यही नहीं हर्षवर्धन को हटाए जाने को जाति से जोड़ते हुए सुशील कुमार गुप्ता ने कहा, ‘आप जाति की बात करते हैं तो फिर मैं भी अपने समाज के लोगों की बात करता हूं।’ आम आदमी पार्टी के सांसद सुशील कुमार गुप्ता ने कहा कि जिस वक्त देश में दवाओं और इंजेक्शन के लिए हाहाकार था, उस समय दिल्ली में बीजेपी के एक सांसद के पास बड़ी संख्या में रेमडेसिविर इंजेक्शन मिले थे।
संजय राउत बोले, कोरोना से मौतों का डेटा क्यों छिपा रही सरकार
आप सांसद का इशारा पूर्वी दिल्ली के बीजेपी सांसद गौतम गंभीर की ओर था। इसके साथ ही कोरोना पर चर्चा के दौरान शिवसेना के राज्यसभा सांसद संजय राउत ने भी सरकार पर हमला बोला। राउत ने सरकार पर कोरोना से मरने वाले लोगों का डेटा छिपाने का भी आरोप लगाया। संजय राउत ने कहा, ‘हमारा सरकार से सवाल है कि आखिर आप डेटा क्यों छिपा रहे हैं? हमें बताएं कि कोरोना के चलते कितने लोगों की वास्तव में मौत हुई है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक सरकार के आंकड़ों से कहीं ज्यादा लोगों की मौत कोरोना के चलते हुई है।’