5 साल बाद छलका हरीश रावत का दर्द, राजनाथ सिंह को लेकर कह दी ये बड़ी बात
पिथौरागढ़. उत्तराखंड में 2017 के विधानसभा चुनावों से पहले तत्कालीन सीएम हरीश रावत को मौलाना हरीश रावत कहके प्रचारित किया गया था. रावत पर ये आरोप भी लगाए गए थे कि उन्होंने जुम्मे की नमाज पर छुट्टी का ऐलान किया था. इस मामले में पूरे 5 साल बाद कांग्रेसी नेता ने अपना पक्ष ट्वीटर के जरिए सार्वजनिक किया है. यही नहीं, पीएम नरेन्द्र मोदी और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के गोल टोपी पहनने पर रावत ने बीजेपी से सवाल किया है.
रावत ने लम्बा ट्वीट करते हुए लिखा है कि “भाजपा का सफेद झूठ. मैंने कभी भी जुम्मे की नमाज के लिए छुट्टी का ऐलान नही किया और न किसी ने मुझसे जुम्मे की नमाज के लिए छुट्टी मांगी. हां, हरीश रावत ने सूर्य़ देव की आराधना के पर्व छठ पर छुट्टी दी. हमारी बहनें करवा चौथ का व्रत रखती हैं, मैंने उस पर छुट्टी दी.”
हरीश रावत ने ट्वीट कर भाजपा से सवाल किये हैं.
फिर कांग्रेसी नेता रावत लिखते हैं कि “मैंने दो महापुरूषों की जंयती पर छुट्टी दी, यहां तक कि यदि भाजपाई झूठ न चल पड़ा होता तो परशुराम जयंती पर भी मैं छुट्टी करने के लिए विषय में अपने सहयोगियों से विमर्श कर रहा था. भाजपा के लोगों काठ की हांडी एक बार चढ़ती हैं, 2017 में तुम्हारा यह झूठ चल पड़ा.”
हरीश रावत यहीं ने फिर कुछ फोटो के साथ ट्वीट करते हुए लिखा है कि “भाजपाई दोस्तों नीचे के कुछ चित्र देखिए. दरगाह में गोल टोपी पहनने से हरीश रावत तो मौलाना हरीश रावत हो गए और घर-घर में आपने वो टोपी वाली मेरी तस्वीर पहुंचा दी. अब जरा मुझे बताइए क्या राजनाथ सिंह जी भी मौलाना राजनाथ हो गए हैं?”
फिर रावत ने केन्द्रीय मंत्री के साथ पीएम नरेन्द्र मोदी, पूर्व पीएम स्व0 अटल बिहारी वाजपेई की फोटो ट्वीट करते हुए लिखा है कि “अटल बिहारी वाजपेई जी की एक पुरानी फोटो है, क्या इनको भी आप मौलाना अटल बिहारी वाजपेयी कहना पसंद करेंगे? मोदी जी की भी एक फोटो है, आपके हिंदुत्व के आईकॉन की, क्या इनका भी उसी संबोधन से नवाजेंगे जो संबोधन आपने केवल-केवल मेरे लिए रिजर्व करके रखा है. हिम्मत है को मेरे साथ इनको भी उसी नाम से पुकारिये.”