हरिद्वार में गंगा नदी का पानी पीने और नहाने लायक हुआ! गंगा के पानी की गुणवत्ता में आया काफी अंतर
पूरी दुनिया में कोरोना वायरस तबाही मचा रहा है। अमेरिका, इटली, फ्रांस, स्पेन, ब्रिटेन और दुनिया भर के देशों में कोरोनावायरस कहर बरपा रहा है। ऐसे में भारत में भी कोरोनावायरस तेजी से बढ़ता जा रहा है। इस घातक वायरस के कारण भारत में अब तक 9000 से भी ज्यादा मामले सामने आ चुके हैं। ऐसे में भारत में केंद्र सरकार ने लॉक डाउन किया हुआ है।
भारत में तमाम फैक्ट्रियां, दुकाने बड़ी-बड़ी कंपनियां, स्कूल, कॉलेज सब कुछ बंद है। इसकी वजह से भारत में अर्थव्यवस्था को नुकसान हुआ है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि इस लॉक डाउन से किसको फायदा हुआ है? तो आपको बता दें कि इस लॉक डाउन से प्रकृति को बहुत फायदा हुआ है। सरकार कई वर्षों से प्राकृतिक को साफ सुथरा करना चाह रही थी वह इस लॉक डाउन में हो रहा है।
भारत में पिछले कई दिनों से लॉक डाउन के कारण फैक्ट्रियां या यूं कहें औद्योगिक प्रदूषण ना होने के कारण दिल्ली में प्राचीन यमुना नदी पहले से बहुत साफ हो चुकी है। ऐसे में अब खबर है कि गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय में पर्यावरण वैज्ञानिक और पूर्व प्रोफेसर बी.ड़ी जोशी के अनुसार ऋषिकेश और हरिद्वार में गंगा का पानी बहुत साफ हो चुका है। जोशी के अनुसार यह लंबे समय के बाद है कि हरिद्वार में गंगा जल आचमन के लिए अच्छा हो गया है। जोशी ने यह भी कहा है कि स्वच्छ गंगाजल के पीछे औद्योगिक प्रवाह, धर्मशाला होटल और लॉज के सीवेज में 500% की कमी देखी गई है।
बता दें कि कई पदाधिकारियों का मानना है कि गंगा कभी भी इतनी स्वच्छ नहीं देखी है। गंगा के पानी की गुणवत्ता में काफी अंतर आया है। राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के एक अधिकारी के अनुसार यह परिवर्तन मानवीय गतिविधियों की कमी के कारण हुआ है क्योंकि कोई भी तीर्थयात्री हरिद्वार और ऋषिकेश जैसे पवित्र शहरों का दौरा नहीं कर रहा है।
अधिकारियों का कहना है कि हरिद्वार में गंगा का पानी आवश्यक उपचार के बाद पीने और स्नान के लायक है। ऋषिकेश में कीटाणु शोधन के बाद पानी पीने के लिए अच्छा है। अधिकारियों का कहना है कि उत्तराखंड में सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट की मौजूदगी से गंगा जल की गुणवत्ता में भी सुधार हुआ है।