बीजेपी से निष्कासित हरक सिंह रावत की 5 साल बाद कांग्रेस में हुई वापसी
बीजेपी से निकाले गए हरक सिंह रावत ने कांग्रेस में की वापसी, घर आकर हुए खुश
लखनऊ: यूपी समेत 5 राज्यों में जल्द ही विधानसभा चुनाव होने वाले हैं. सभी राज्यों के विधानसभा चुनावों की लिस्ट सामने आ चुकी है. ऐसे में अगर उत्तराखंड विधानसभा चुनाव की बात करें तो वहां राजनीतिक गलियारों में इन दिनों नेताओं के बीच हलचल मची हुई है.
बता दें उत्तराखंड विधानसभा चुनाव की सरगर्मी के बीच प्रदेश में नेताओं के दल बदल का सिलसिला जारी है. इस बीच हाल ही में बीजेपी के निष्कासित किए गए पूर्व कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत आज कांग्रेस का दामन थाम लिया है. हरक सिंह रावत ने हरीश रावत की मौजदूगी में कांग्रेस का दामन थाम लिया है. हरक सिंह रावत ने साल 2016 में हरीश रावत के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार से बगावत की थी. उनके साथ उस समय 9 विधायक भी बीजेपी में शामिल हुए थे. जिसके बाद उन्हें कैबिनेट मंत्री भी बनाया गया था. हाल ही में भाजपा ने उन्हें पार्टी से निष्कासित कर दिया था जिसके बाद उनके फिर कांग्रेस में शामिल होने के कयास लगाए जा रहे थे.
Expelled Uttarakhand BJP Minister Harak Singh Rawat joins Congress, today pic.twitter.com/XDDgIns6wf
— ANI (@ANI) January 21, 2022
भाजपा से निकाले जाने के बाद रावत ने रोते हुए आरोप लगाया था कि पार्टी ने उनसे बात किए बिना उन्हें पार्टी से बेदखल कर दिया. जिसके बाद हरक सिंह रावत के वापस पुरानी पार्टी कांग्रेस में लौटने की अटकलें लग रही थी, इसी बीच उन्होंने ये घोषणा भी की थी कि अगले महीने हो रहे चुनाव में कांग्रेस की ही जीत होगी. वहीं इन कयासों के बीच हरीश रावत ने कहा था कि अगर हरक सिंह रावत अपनी कांग्रेस छोड़ने की गलती मान लेते हैं तो पार्टी उनका स्वागत करने के लिए तैयार है. जिसके बाद आज हरक सिंह रावत की फिर से कांग्रेस में वापसी हो गई.
BJP में मंत्री रहते कई बार सीएम से उलझे
मार्च 2016 में हरक सिंह रावत अपनी ही सरकार से बगावत को लेकर खूब चर्चा में आए थे. तब रावत ने हरीश रावत की सरकार को गिराने में बड़ी ही खास भूमिका निभाई थी. हालांकि इसके बाद उन्हें विधासनसभा सदस्यता गवानीं पड़ी, लेकिन 2017 में चुनाव से पहले वह बीजेपी में शामिल हो गए. 2017 के चुनाव में भाजपा ने हरक सिंह रावत को कोटद्वार सीट से चुनाव लड़ाया. जिसमें उनकी विजय हुई और विधायक चुने गए. इसके बाद उन्हें उत्तराखंड सरकार में कैबिनेट मंत्री बनाया गया, लेकिन इस सरकार में वह कई बार कई मामलों को लेकर त्रिवेंद्र सिंह सरकार से उलझते नजर आए. जिसमें श्रम मंत्रालय को लेकर उनकी त्रिवेंद्र सरकार से नाराजगी भी रही थी.
जब थे साथ पार्टी ने दिया काफी सम्मान: CM धामी
वहीं पुष्कर सिंह धामी के कार्यकाल में हरक सिघ रावत ने कोटद्वार में मेडिकल कॉलेज को मान्यता नहीं दिए जाने के आरोप में कैबिनेट बैठक में ही अपना इस्तीफा सौंप दिया था. हालांकि बाद में बीजेपी ने डैमैज कंट्रोल करते हुए उनका इस्तीफा वापस ले लिया था. लेकिन बाद में बिना कुछ बात किए उन्हें अचानक पार्टी से निकाल दिया. वहीं बाद में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने हरक को लेकर कहा कि जब तक वह हमारे साथ थे तब तक उन्हें उचित सम्मान दिया गया.