हनुमानगढ़ी अयोध्या ने पटना महावीर मंदिर पर ठोका दावा, किशोर कुणाल ने दिया जवाब
हनुमानगढ़ी अयोध्या ने पटना के महावीर मंदिर के ऊपर अपना दावा ठोका है. वहीं दूसरी तरफ इस दावे को महावीर मंदिर न्यास समिति ने बेबुनियाद और निराधार बताया है. साथ ही महावीर मंदिर ने बिहार धार्मिक न्यास परिषद को मंदिर के कानूनी और विधिक समेत अन्य स्वामित्व वाले दस्तावेज भेज चुका है.
हनुमानगढ़ी अयोध्या ने पटना महावीर मंदिर पर ठोका अपना दावा, चलाया हस्ताक्षर अभियान
पटना. हनुमानगढ़ी अयोध्या ने पटना के महावीर मंदिर के ऊपर अपना मालिकाना दावा ठोका है. इस दावे के लिए हनुमानगढ़ी ने महीने भर जगह जगह पर कस्ताक्षर अभियान चलाया था. जिसको आधार बनाकर ही हनुमानगढ़ी अयोध्या ने बिहार धार्मिक न्यास परिषद को पत्र भेजा है. साथ ही मंदिर के ऊपर अपने स्वामित्व का दावा किया है. वहीं दूसरी तरफ हनुमानगढ़ी अयोध्या के इस दावे को महावीर मंदिर न्यास समिति ने बेबुनियाद और निराधार बताया है.
हनुमानगढ़ी अयोध्या के दावे को बेबुनियाद बताने के लिए महावीर मंदिर न्यास समिति ने प्रेस वार्ता की. इस प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान आचार्य किशोर कुणाल ने बताया कि अयोध्या में इस मंदिर द्वारा संचालित राम रसोई की ख्याति सभी जगह फैल रही है. साथ ही मंदिर बिहार में पांच असप्तालों का निर्माण और व्यवस्था कर रहा है. जिससे महावीर मंदिर की ख्याति और बढ़ी है. जो हनुमानगढ़ी के कुछ लोगों की आंखों की किरकिरी बन गया है.
इसके साथ ही आचार्य कुणाल ने आगे बताया कि महावीर मंदिर को पटना हाईकोर्ट की एक खण्डपीठ ने 15 अप्रैल 1948 को सार्वजनिक मंदिर घोषित कर दिया था. वहीं उन्होंने आगे बताया कि न्यास समिति के स्वामित्व के पक्ष से जुड़े हुए सभी कानूनी और विधिक दस्तावेज बिहार धार्मिक न्यास परिषद को पहले ही भेजा जा चुका है.
इसके अलावा आचार्य कुणाल ने इस प्रेस वार्ता में आगे बताया कि उन्हें इस बात की भनक पहले ही लग गई थी. जिसके चलते मंदिर के सभी दस्तावेज 29 जून को ही बिहार धार्मिक न्यास परिषद उपलब्ध करा दिया गया है. साथ ही यह भी कहा कि महावीर मंदिर की लोकप्रियता के खुन्नस में ही इस विवाद को खड़ा करने की कोशिश हनुमानगढ़ी की तरफ से किया गया है. जिसके दावे में कोई दम नहीं है.