पुलिस पर फायरिंग करते हिस्ट्रीशीटर लवली कंडारा का एनकाउंटर करने वाली टीम को ही कर दिया सस्पेंड
भीड़ के दबाव में ऐसे झुकी सरकार:
MDM मोर्चरी के बाहर बेनीवाल वाल्मीकि समाज को संबोधित करते हुए।
पुलिस पर फायरिंग करने वाले हिस्ट्रीशीटर लवली कंडारा के एनकाउंटर मामले में चौथे दिन चले नाटकीय घटनाक्रम के बाद आखिर वाल्मीकि समाज की मांगे मान ली गई। मुख्य रुप से एनकाउंटर करने वाले थानाधिकारी और साथी पुलिसकर्मियों को सरकार ने निलंबित करने का फैसला कर लिया है। बड़ी संख्या में लोग लवली के एनकाउंटर के खिलाफ पुलिसकर्मियों के निलंबन की मांग पर अड़े थे। उनकी मांग के आगे सरकार झुक गई है।
DCP भूवन भूषण यादव ने बताया कि वार्ता के दौरान सभी बातों पर सहमति बनी है। चारों पुलिस कर्मी को निलंबित किया जाएगा । जांच सीआईडी सीबी करेगी। मुआवजे की मांग सरकार को विचार के लिए भिजवाई जाएगी। एडीएम की उपस्थिति में पोस्टमार्टम होगा। इधर धरने पर बैठे वाल्मीकि समाज के लोग पहले लिखित में ऑर्डर की मांग पर अड़े। फिर समझाने के बाद पोस्टमार्टम प्रक्रिया शुरु हुई।
सुबह कलेक्ट्रेट मे कलेक्टर से मीटिंग बे बाद मांगे मानने की बात सामने आई थी। उस समय वाल्मीकि समाज ने मांगे मानने की घोषणा कर दी, लेकिन बाद में पुलिस कमिश्नर से बात के बाद मांगे मानने की बात सामने आई। डीसीपी से बात करने पर उन्होंने कहा कि समाज की मांगे मान ली गई हैं। इधर धरने पर बैठे वालों का कहना है कि जब तक लिखित में आदेश नहीं आते तब तब धरना खत्म नहीं होगा, लेकिन बाद में बात मानते हुए पोस्टमार्टम के लिए राजी हुए।
कलेक्टर ने मीटिंग में दिया था आश्वासन
लवली कंडारा एनकाउंटर के बाद परिजन और समाज के लोगों ने अभी तक शव नहीं उठाया। इस मामले को लेकर अब राजनीति बढ़ती जा रही है। रविवार को सुबह यह बताया गया कि समाज की मांगे पूरी मान ली गई है। उनका कहना था कि एसएचओ को बर्खास्त कर दिया गया है। इधर, डीसीपी ने साफ इनकार कर दिया था कि एसएचओ के बर्खास्त को लेकर न तो कोई ऐसा आदेश आया है और न ही उनके पास अभी तक बातचीत के लिए समाज का पक्ष। इसके बाद DCP मौैके पर पहुंचे और टायसन से बात कर वार्ता करने को कहा। इस पर वाल्मीकि समाज से एक प्रतिनिधि मंडल कमिश्नर ऑफिस पहुंचा है। इस वार्ता के बाद डीसीपी ने बताया कि मांगों पर सहमति बन गई है। समाज के लोगों ने कहा कि अब आदेश लिखित में चाहिए
मोंटू का न हो जाए एनकाउंटर
रविवार को रालोपा प्रमुख हनुमान बेनीवाल पहुंचें। उनका कहना था कि सिर्फ पीडित परिवार को न्याय दिलवाना चाहते है इसलिए यहां आए है। उन्होंने कहा कि उन्हें डर है कि लवली के भाई मोंटू कंडारा का पुलिस एनकाउंटर ना कर दें। इधर, एमडीएम चौकी में कांग्रेस नेता राजेन्द्र सोलंकी, महापौर कुंती देवड़ा मोर्चरी के बाहर की सभी गतिविधियों पर नजर बनाए हुए है। वाल्मीकि समाज के नेताओं ने उन्हें मोर्चरी के बाहर आकर घोषणा करने को कहा।
क्रेडिट की लड़ाई
यहां गतिरोध समाप्त करने के लिए अब क्रेडिट की लड़ाई सामने आ गई है। बेनीवाल का कहना है कि कांग्रेस क्रेडिट लेना चाहती है तो ले लेकिन पीडित को न्याय दे। जबकि समाज की मांगों को लेकर अब भी असमंजस की स्थिति बनी हुई है। वाल्मीकि समाज का कहना है कि शर्ते मान ली गई। लेकिन पुलिस अधिकारियों का कहना है कि उनके पास अभी तक पुलिस अधिकारियों पर कार्रवाई को लेकर कोई आदेश नहीं आया है।
यह था ममाला
बता दें कि बुधवार शाम रातानाडा एसएचओ लीलाराम के जवाबी फायर में लवली कंडारा की मौत हो गई। तब से वाल्मीकि समाज मथुरादास माथुर अस्पताल की मोर्चरी के बाहर धरने पर बैठा है। रविवार चौथे दिन भी परिजनों ने लवली कंडारा की बॉडी नहीं उठाई और ना ही पोस्टमार्टम करने दिया गया। समाज की मांग है कि पुलिस अधिकारियों पर कार्रवाई की जाए। उनके खिलाफ हत्या का मामला दर्ज हो। 25 लाख मुआवजा दिया जाए और परिवार के सदस्य को सरकारी नौकरी दी जाए।
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