क्या स्टाफ ने ही लगा दी आग:परिजन का आरोप- नर्स और वार्ड बॉय में झगड़ा हुआ था,
मिनट बाद ही हमीदिया में लग गई आग
हमीदिया कैम्पस के कमला नेहरू हॉस्पिटल में आग लगने से मारे गए बच्चों के परिजन ने घटना के पीछे बड़ी साजिश होने का शक जताया है। उनका कहना है कि हादसे से 5 मिनट पहले ही वार्ड में नर्स और वार्ड बॉय के बीच झगड़ा हुआ था। दोनों ने एक-दूसरे को धमकियां दी थीं। मंगलवार सुबह मृत बच्चों का शव लेने पहुंचे परिजन ने DNA जांच की मांग भी की है।
बिल्डिंग के सामने रात से जारी चीख-पुकार सुबह तक सिसकियों में बदल चुकी है। परिजन ने यहां रात ठंड में ठिठुरते हुए बिताई। सुबह होते ही वे बच्चों से मिलने पहुंचे, लेकिन बिल्डिंग गेट पर पुलिस और प्राइवेट सिक्योरिटी तैनात कर दी गई। उन्हें अंदर नहीं जाने दिया गया। सुबह 7.30 बजे परिजन और सुरक्षाकर्मियों के बीच नोकझोंक भी हो गई। हंगामा बढ़ने पर परिजन को अंदर जाने दिया गया।
सोमवार रात 9 बजे कमला नेहरू अस्पताल में आग लग गई थी। आग अस्पताल की तीसरी मंजिल पर चाइल्ड वार्ड के SNCU में लगी, जहां 40 बच्चे भर्ती थे। माना जा रहा है कि बिजली लाइन में शॉर्ट सर्किट से हादसा हुआ और पीडियाट्रिक वेंटिलेटर ने आग पकड़ ली। फिर ये आग उस वॉर्मर तक पहुंच गई, जिसमें बच्चों को रखा गया था। कोई कुछ समझ पाता उससे पहले ही पूरे वार्ड में धुआं भर गया। हादसे में सात बच्चों की मौत हो गई।
परिजन बोले- बच्चों की मौत का आंकड़ा ज्यादा
परिजन का आरोप है कि सरकार और हॉस्पिटल मैनेजमेंट मौत के आंकड़ों को छिपा रहा है। सिर्फ 4 बच्चों की मौत नहीं हुई है। आंकड़ा इससे ज्यादा है। तभी तो उन्हें उनके बच्चों से मिलने नहीं दिया जा रहा है। मृत हुए बच्चों को लेकर भी तस्वीर साफ नहीं है कि वे किसके हैं। सिर्फ मौखिक रूप से मौत की जानकारी दे दी गई है।
कमला नेहरू बिल्डिंग के बाहर बिलखते परिजन।
लड़ाई के 5 मिनट बाद ही आग लगी
बाग सेवनिया की पूनम ने बताया कि उनकी बेटी को काफी मन्नतों के बाद बेटा हुआ था। सोमवार को ही जन्म हुआ था। रात में वह, बेटी और नाती के पास थी। नर्स और वार्ड बॉय के बीच लड़ाई होने लगी। हम वार्ड से बाहर निकल गए। इसके 5 मिनट बाद ही आग लग गई। एक सिस्टर (नर्स) कह रही थी कि एक भी हंसते हुए नहीं, बल्कि रोते हुए जाएंगे। आग के पीछे बड़ी साजिश है।
बागसेवनिया निवासी पूनम। उनके नाती की मौत हुई है।
4 नहीं, कई बच्चों की मौत हुई
भानपुर के आमीन खान ने बताया कि पत्नी तरन्नूम को 4 दिन पहले बेटा हुआ था। कल शाम तक बच्चा ठीक था। वह खाना लेने घर चले गए। जब लौटे तो वार्ड में आग लगी थी। घंटों तक डॉक्टर-कर्मचारी झूठ बोलते रहे कि उनका बेटा ठीक है, लेकिन रात ढाई बजे बच्चे की कमजोर होने की वजह से मौत होने की बात कहने लगे। बच्चा कमजोर नहीं था। आग लगने की वजह से उसकी मौत हुई है।
भोपाल के भानपुर निवासी आमीन का भी कहना है कि 4 नहीं, ज्यादा बच्चों की मौत हुई है। अस्पताल प्रशासन आंकड़ा छिपा रहा है।
पत्नी को कैसे बताऊं, हमारा बच्चा नहीं रहा…
भोपाल के जिंसी इलाके के रहने वाले रईस ने बताया कि पत्नी सादमा को 12 दिन पहले बेटा हुआ था। वह कमला हॉस्पिटल में भर्ती था। रात में आग लगने से उसकी मौत होने की बात कही गई है। यह सरकार और अस्पताल वालों की लापरवाही का नतीजा है। इसकी जांच हो। समझ नहीं आ रहा कि पत्नी को कैसे बताऊं कि हमारा बच्चा अब नहीं रहा है।
भोपाल के रईस। जिनके बेटे की मौत हो गई।
भीड़ को संभालने के लिए फोर्स तैनात
कमला नेहरू बिल्डिंग के बाहर सुबह से ही फोर्स तैनात है। वे हंगामा कर रहे परिजन को समझा रहे हैं। बाग सेवनिया की पूनम और उनके परिजन ने अंदर नहीं जाने देने पर हंगामा किया। इस दौरान जब उन्हें रोका तो महिला सिक्योरिटी गार्ड से बहस भी हुई।
मीडिया को अंदर जाने की मनाही
बिल्डिंग में आग लगने के बाद हॉस्पिटल मैनेजमेंट ने अपनी लापरवाही को छिपाने के लिए मीडियाकर्मियों को अंदर जाने की मनाही कर दी है। उन्हें बिल्डिंग से कुछ पहले ही रोका जा रहा है।