हमीदिया हादसे पर सरकार का एक्शन; डॉ. अरविंद राय को बनाया नया डीन
जीएमसी डीन, हमीदिया के अधीक्षक और कमला नेहरू के संचालक को हटाया
भोपाल के हमीदिया अस्पताल हादसे के बाद सरकार ने कार्रवाई की है। बुधवार को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के साथ बैठक के बाद चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग ने बताया कि गांधी मेडिकल कॉलेज (जीएमसी) के डीन डॉक्टर जितेन्द्र शुक्ला, हमीदिया के अधीक्षक डॉ. लोकेन्द्र दवे, कमला नेहरू अस्पताल के संचालक केके दुबे को पद से हटा दिया है। वहीं, कमला नेहरू अस्पताल का मेंटनेंस का काम देखने वाली एजेंसी सीपीए के विद्युत शाखा के डिप्टी इंजीनियर अवधेश भदौरिया को भी निलंबित कर दिया है। यह आदेश तत्काल प्रभाव से लागू किया गया है।
कार्रवाई के बाद अब सर्जरी डिपार्टमेंट के एचओडी डॉ. अरविंद राय जीएमसी के नया डीन बनाया गया है। इसके अलावा हमीदिया अस्पताल का नए अधीक्षक की जिम्मेदारी डॉ. दीपक मरावी को सौंपी गई है। डॉक्टर मरावी ऑर्थोपेडिक के सीनियर डॉक्टर हैँ।
चिकित्सा शिक्षा विभाग का अलग सिविल विंग बनेगा
सारंग ने बताया कि मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया है कि मेडिकल विभाग का खुद का सिविल विंग होगा, जो मेडिकल कॉलेज और उससे संबंधित अस्पताल का मेंटनेंस से जुड़े काम करेगा। अभी कमला नेहरू अस्पताल के मेटनेंस का काम सीपीए से लेकर लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) को सौंपा गया। सारंग ने कहा कि यह व्यवस्था अस्थाई तौर पर मेडिकल कॉलेज का सिविल विंग बनने तक रहेगी।
सभी जिलों में अस्पताल का सेफ्टी ऑडिट होगा
सारंग ने कहा कि मुख्यमंत्री ने फायर और इलेक्ट्रिक सेफ्टी ऑडिट सरकारी और प्राइवेट दोनों अस्पताल में सुनिश्चितता के साथ लागू करने के निर्देश दिए हैं। इसके तहत अगले 10 दिन में हर जिले के कलेक्टर मेडिकल कॉलेज, सरकारी अस्पताल और निजी अस्पताल के सेफ्टी नॉमर्स की स्थिति का जायजा लेंगे। सुनिश्चित करेंगे कि हर तरह का सेफ्टी ऑडिट लागू हो।
एक्सपर्ट की ली जाएगी राय
सारंग ने कहा कि मुख्यमंत्री के स्पष्ट निर्देश है कि ऐसी घटना दोबारा ना हो, इसे सुनिश्चित किया जाए। अभी अधिकतर मेडिकल कॉलेज, सरकारी और निजी अस्पताल में ऑक्सीजन की लाइन बिछाई गई है। इसको देखते हुए मुख्यमंत्री ने एक्सपर्ट की राय लेकर सुरक्षा के कौन कौन से मानक को लागू करना चाहिए सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं।
बता दें कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बुधवार सुबह हमीदिया अस्पताल की घटना को लेकर बैठक बुलाई थी। इसमें सरकार की तरफ से नियुक्त जांच अधिकारी एसीएस मोहम्मद सुलमान से रिपोर्ट तलब की गई। इसके बाद मुख्यमंत्री ने कार्रवाई के निर्देश दिए। बैठक में चिकित्सा शिक्षा मंत्री प्रभुराम चौधरी, चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग, गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा, भोपाल के प्रभारी भूपेन्द्र सिंह, मुख्य सचिव समेत संबंधित विभाग के अधिकारी मौजूद थे।
इसलिए हटाए गए जिम्मेदार
डॉ. जितेन्द्र शुक्ला, डीन, जीएमसी
सेफ्टी नाॅर्मस को पालन नहीं होने के सीधे जिम्मेदार।स्ट्रांग मॉनिटरिंग नहीं की और लापरवाही बरती।प्रशासनिक सख्ती नहीं दिखाई।
डॉ. लोकेन्द्र दवे, अधीक्षक, हमीदिया अस्पताल
अस्पताल के मुखिया होने के नाते सीधी जिम्मेदारी।फायर एक्सटिंग्विशर खाली थे, लापरवाह बने रहे।एक्सटेंशन से वेंटिलेटर चल रहे थे। कार्रवाई नहीं की।
के के दुबे, संचालक, गैस राहत विभाग, कमला नेहरू अस्पताल
बिल्डिंग के रखरखाव और मेंटनेंस की सीधे जवाबदारीसुरक्षा के मापदंडों को दूर करने में सामंजस्य की कमी।सेफ्टी ऑडिट को लेकर लापरवाही बरती।
अरविंद भदौरिया, विद्युत उपयंत्री, सीपीए
बिल्डिंग में विद्युत कार्य के लिए जिम्मेदार।
जगह-जगह खुले और लटकते तारों के लिए कदम नहीं उठाए।मशीनों के लिए बिजली के लोड के अनुसार व्यवस्था नहीं की गई।
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