ग्वालियर : सिंधिया ने डाला ग्वालियर में वोट, वोटर को रोका तो भड़की इमरती देवी
ग्वालियर। 28 सीटों पर उपचुनाव के लिए हो रहे मतदान के दौरान प्रत्याशियों और नेताओं ने भी मतदान किया। भाजपा के वरिष्ठ नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया ने ग्वालियर में मतदान किया, तो डबरा से भाजपा प्रत्याशी और मंत्री इमरती देवी भी मंदिर में माथा टेककर वोट डालने पहुंची, लेकिन एक वोटर को मतदानकर्मियों द्वारा रोके जाने पर भड़क गईं।
सांसद सिंधिया सुबह 9.30 बजे अपने मतदान केंद्र एमआई शिशु मंदिर पहुंचे। मतदान से पहले वे अपनी मामी व पूर्व मंत्री माया सिंह के गले मिले और फिर वोट डालने गए। सिंधिया ने वोट डालने के बाद विक्ट्री साइन दिखाते हुए कहा- इस चुनाव में जनता का पूरा समर्थन भाजपा के साथ है। आज के दिन को प्रदेश के लिए महत्वपूर्ण बताते हुए सिंधिया ने कहा कि 28 विधानसभा क्षेत्रों में चुनाव हो रहे हैं। मैंने मतदान के अधिकार का उपयोग किया है। मेरा निवेदन है कि एक-एक व्यक्ति मतदान करे। कोविड से बचाव की सारी व्यवस्थाएं हैं। ये प्रजातंत्र के महत्व की लड़ाई है। मुझे पूरा विश्वास है कि सभी सीटों पर कमल का फूल खिलेगा। ये सरकार जन हितैषी सरकार है। किसानों, महिलाओं, गरीबों और जनता की हितैषी सरकार है। इसलिए इसका कार्यकाल ऐतिहासिक होगा।
हनुमान जी के दर्शन कर वोट डालने पहुंची इमरती देवी
ग्वालियर की डबरा विधानसभा सीट से भाजपा प्रत्याशी इमरती देवी वोट डालने से पहले चीनौर रोड स्थित हनुमान मंदिर पहुंची और हनुमान जी के दर्शन किए। उन्होंने कहा कि वे 80 हजार वोटों से जीतेंगी। यहां से वे जनता स्कूल स्थित मतदान केंद्र पर वोट डालने पहुंची, तो मशीन खराब मिली। करीब एक घंटे बाद मशीन ठीक हो सकीं। उसके बाद ही मतदान शुरू हुआ।
इसी दौरान एक युवती वोट देने पहुंची, लेकिन पहचान पत्र नहीं होने के कारण चुनाव अधिकारियों ने उसे वोट डालने से रोक दिया। इस पर इमरती देवी भड़क गईं और चुनाव अधिकारी से बहसबाजी की। उन्होंने अधिकारी की फोन पर भी बात कराई। अधिकारी का कहना था कि मतदान करने के लिए पहचान पत्र अनिवार्य है। गौरतलब है कि डबरा के पोलिंग बूथ 211 और 212 पर दो मशीनें देर से शुरु हो सकीं। सुबह 7 बजे मतदान शुरू होने पर इन केंद्र की मशीनें ऑन नहीं हुईं। ऐसे में लोगों को टोकन तो दे दिए गए, लेकिन मतदान शुरू नहीं हो सका। करीब डेढ़ घंटे देरी से मतदान शुरू हुआ।