गुवाहाटी : अवैध शराब फैक्ट्री का भंडाफोड़, ट्रक जब्त
गुवाहाटी। आबकारी मंत्री के निर्देश पर कामरूप (मेट्रो) आबकारी अधीक्षक के तत्वावधान में एक विशेष आबकारी टीम देवजीत नाथ के नेतृत्व में गुरुवार को असम-मेघालय के सीमाई इलाके चौदह माइल में एक अवैध बॉटलिंग प्लांट का पता लगाया जहां से भारी मात्रा में अंग्रेजी शराब और शराब बनाने वाली मशीन को जब्त किया है।
अवैध शराब फैक्ट्री से आईएमएसएल 918 कार्टून और ईएनए लगभग 4000 लीटर अंग्रेजी शराब बनाने वाली स्प्रिट, विभिन्न प्रकार की अंग्रेजी शराब की लेबल और अंग्रेजी शराब बनाने वाली मशीन जब्त किया गया। इस मामले में चार लोगों को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया गया है अवैध फैक्ट्री अरुण चौधरी, पंकज सैकिया, दिनेश राभा और सौरव शर्मा की देखरेख में चल रही थी।
सूत्रों की माने तो अवैध शराब फैक्ट्री अवैध तरीके से जीतू गोस्वामी की देखरेख में ही चौदह माइल इलाके में चल रही थी। अबकारी विभाग इस संबंध में प्राथमिकी दर्ज कर मामले की गंभीरता से जांच कर रही है।
ज्ञात हो कि एक्साइज इंटेलिजेंस ब्यूरो (ईआईबी) की एक टीम ने गुप्त सूचना के आधार पर बीती रात सोनापुर तेतेलिया स्थित राष्ट्रीय राजमार्ग-37 से ट्रके जरिए ले जायी जा रही भारी मात्रा में अंग्रेजी शराब के साथ 02 लोगों को गिरफ्तार किया है। बरामद शराब के पर असम-मेघालय सीमावर्ती इलाका के 12 माइल स्थित बंद पड़े हिमालयन डिस्टिलरी प्राइवेट लिमिटेड कारखाने का मैनुअल चालान के जरिए भेजा जा रहा था। शराब लेकर जा रहे ट्रक को अवैध तरीके से जोरहाट जिला अंतर्गत एमएस बुढ़ागोहाईं इंटरप्राइजेज बॉन्डेड वेयरहाउस प्राइवेट लिमिटेड के नाम से भेजा जा रहा था।
गिरफ्तार आरोपितों की पहचान रंजन दैमारी और हबीबुल हक के रूप में की गई। रंजन दैमरी और हबीबुल हक के रिकॉर्ड किए गए बयानों के आधार पर फरार दिगंत नेउग और दिनेश राभा को पकड़ने के लिए तलाशी अभियान चलाया जा रहा है। ज्ञात हो कि भाजपा नेता जीतू गोस्वामी की शराब फैक्ट्री में छह महीने पहले भी विभाग ने हिमालयन डिस्टिलरी प्राइवेट लिमिटेड (फैक्टरी) के पास के परिसर से अवैध शराब जब्त किया था। इसमें शामिल व्यक्तियों के खिलाफ मामला दर्ज किया था। आईएमएलएफ शराब की अवैध बॉटलिंग में कथित संलिप्तता के लिए दो लोगों को हिरासत में लिया गया था। दोनों आरोपितों में से एक को गिरफ्तार कर लिया गया है और उसे न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया था। जबकि दूसरा फरार होने में सफल रहा। बाद में दोनों व्यक्तियों को अदालत ने जमानत पर रिहा कर दिया था।
असम के आबकारी मंत्री परिमल शुक्लबैद्य ने इस कार्य के लिए ईआईबी अधिकारियों की प्रशंसा की और इस मामले की जांच के लिए आबकारी विभाग को निर्देश दिया है। संबंधित प्राधिकरण से आग्रह किया है कि वह कारखाना अधिकारी और कामरूप (मेट्रो) प्रवर्तन प्रभारी के खिलाफ सख्त कार्रवाई करें।