कांगड़ के दामाद को सरकारी नौकरी पर घमासान

पंजाब कैबिनेट की मंजूरी के बाद मंत्री ने कहा - संपन्न परिवार को नौकरी नहीं दी जा सकती, पॉलिसी में ऐसा कुछ नहीं, सिद्धू के करीबी परगट बोले- मैं पहले विरोध कर चुका

पंजाब कैबिनेट की शुक्रवार को वर्चुअल बैठक में रामपुरा फूल से विधायक व पंजाब सरकार में मंत्री गुरप्रीत कांगड़ के दामाद को सरकारी नौकरी को मंजूरी दे दी गई है। मंत्री के दामाद को एक्साइज इंस्पेक्टर की नौकरी की मंजूरी दी गई है। इससे पहले अकाली सरकार के वक्त उन्हें क्लर्क की नौकरी आफर की गई थी लेकिन उन्होंने इसे स्वीकार नहीं किया। कांगड़ के दामाद गुरेशर सिंह के पिता भूपजीत सिंह ने एक्साइज विभाग में रहते हुए लोक सेवा आयोग के चेयरमैन को रिश्वत लेते पकड़वाया था। हालांकि बाद में उनकी हार्ट अटैक से निधन हो गया था। इस बाबत यहां प्रस्ताव लाया गया था। हालांकि इससे पहले विधायक राकेश पांडे व फतेहजंग सिंह बाजवा के बेटों को तरस के आधार पर नौकरी दी गई थी। जिस पर खूब बवाल हुआ था।

इस बारे में मंत्री गुरप्रीत कांगड़ ने कहा कि पॉलिसी में ऐसा कहीं नहीं लिखा कि अगर कोई संपन्न परिवार से है तो उसे नौकरी नहीं दी जाएगी। उन्होंने कहा कि गुरशेर सिंह उनके दामाद न भी होते तो उन्हें नौकरी मिलती। गुरशेर उनके रिश्ते में आने से पहले ही नौकरी के लिए आवेदन करते रहे हैं।

हालांकि कांग्रेस के संगठन महासचिव व नवजोत सिद्धू के करीबी विधायक परगट सिंह ने इसका विरोध किया है। परगट ने कहा कि जब पहले विधायकों के बेटों को नौकरी दी गई तो उस वक्त भी उन्होंने विरोध किया था। कांगड़ के दामाद को नौकरी के बारे में उन्हें पता नहीं लेकिन ऐसे फैसलों के बारे में पहले ही कह चुके हैं।

इसके अलावा विरोधी पार्टियों ने भी कैप्टन सरकार पर निशाने साधे हैं। उनका कहना है कि कैप्टन अमरिंदर सिंह ने जब घर-घर नौकरी का वादा किया था तो वो असल में कांग्रेस पार्टी के लोगों के लिए कहा था। कैप्टन सरकार के अब गिनती के दिन बचे हैं, इसलिए अपने लोगों का फायदा कर रहे हैं। विरोधी यह भी निशाना साध रहे हैं कि कैप्टन व सिद्धू के बीच चल रही गुटबाजी की वजह से विधायकों को अपने पक्ष में करने के लिए कैप्टन यह फैसले कर रहे हैं।

पंजाब कैबिनेट की वर्चुअल बैठक में मौजूद CM, मंत्री व अफसर।

मंत्री कांगड़ के दामाद को क्यों दी जा रही नौकरी

मंत्री गुरप्रीत कांगड़ के दामाद गुरशेर सिंह भूपजीत सिंह के बेटे हैं। यह वही भूपजीत सिंह हैं, जिन्होंने 2002-2007 में पिछली कैप्टन सरकार के वक्त में पंजाब लोक सेवा आयोग के चेयरमैन रवि सिद्धू को 5 लाख रिश्वत के मामले में रंगेहाथ पकड़वाया था। हालांकि कुछ वक्त बाद भूपजीत की हार्ट अटैक से मौत हो गई। यह भी चर्चा है कि परसोनल विभाग इस नियुक्ति के पक्ष में नहीं है क्योंकि गुरशेर सिंह की आर्थिक हालत ऐसी नहीं है कि उन्हें दया के आधार पर नौकरी दी जाए।

बाजवा ने किया था इनकार, पांडे के बेटे को मिली नौकरी, कागड़ ने चलाई फाइल

कैप्टन सरकार की कैबिनेट ने पहले भी विधायक फतेहजंग बाजवा के बेटे को पुलिस व राकेश पांडे के बेटे को रेवेन्यू विभाग में नौकरी दी। इसको लेकर खासा बवाल हुआ तो बाजवा के बेटे ने नौकरी से इनकार कर दिया। पांडे के बेटे ने नौकरी कबूल ली। इसके बाद ही गुरप्रीत कांगड़ भी सक्रिय हुए और दामाद के लिए नौकरी की फाइल बढ़ा दी। हालांकि पहले उनके दावे काे खारिज कर दिया गया था। अब पंजाब कांग्रेस में चली कलह के दौरान कुछ वक्त कांगड़ ने भी कैप्टन के खिलाफ बागी तेवर दिखाए। जिसके बाद कैप्टन सरकार अब नौकरी देने पर राजी नजर आ रही है।

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