किसानों की आड़ में ग्रेटा ने रची थी भारतीय लोकतंत्र को बर्बाद करने की साजिश, जानें पूरी कहानी
कृषि कानून (Farm Laws) का विरोध कर रहे किसानों के आंदोलन को लेकर कई तहत की बाते सामने आती रही हैं। सबसे पहले आया इस आंदोलन में अंतराष्ट्रीय हाथ है लेकिन अब हाल ही में जो हुआ उससे साफ हो गया कि भारतीय लोकतंत्र (Indian Democracy) को किसान आंदोलन (Farmers Protest) के नाम पर बर्बाद करने की साजिश रची जा रही है।
इस साजिश का खुलासा तब हुआ जब स्वीडन की 18 साल की पर्यावरण कार्यकर्ता ग्रेटा थनबर्ग (Greta Thunberg) ने भारतीय आंदोलन को लेकर एक ट्वीट किया और फिर उसे डिलीट कर दिया।उस ट्वीट के सामने आने के बाद बिल्कुल साफ हो गया कि 18 वर्षीय की ग्रेटा भारतीय लोकतंत्र के खिलाफ साजिश रच रही थी।
ग्रेटा ने शेयर किया था एक डॉक्यूमेंट
बता दें कि ग्रेटा ने जिस डॉक्यूमेंट को शेयर किया था, उसमें भारत सरकार पर किसान आंदोलन के समर्थन में अंतर्राष्ट्रीय दबाव बनाने की पूरी प्लानिंग साझा की गई थी। जब ग्रेटा को इस ट्वीट के लिये ट्रोल किया जाने लगा तो उन्हें अपनी गलती का एहसास हुआ और उन्होंनो आनन-फानन में इस ट्वीट को डिलीट कर दिया, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी, कई लोगों ने इस ट्वीट का स्क्रीनशॉट ले लिया था और इसे धड़ल्ले से सोशल मीडिया पर शेयर पर किया जाने लगा। ट्विटर पर देखते ही देखते ग्रेटा की इस पोस्ट को लेकरएक्सपोज ग्रेटा ट्रेंड करने लगा।
क्या है पूरा मामला?
थनबर्ग ने जो ट्वीट किया था उसमे उसने भाजपा और आरएसएस को फासीवादी सत्ता बताया है। अपने उस ट्वीट के साथ ही ग्रेटा ने एक दस्तावेज भी शेयर किया था। जिसमे किसान आंदोलन को उग्र बनाने का पूरा प्लान था।इसके साथ ही ट्वीट के जरिए ग्रेटा ने अपील करते हुए कहा कि देश में अशांति फैलाने और इस आंदोलन को भड़काने की पूरी कोशिश करे। 4और 5 फरवरी को 11 बजे से दिन के 2 बजे तक ट्विटर पर तूफान मचा दे। ग्रेटा इतने पर नहीं रुकी। ग्रेटा ने एक ईमेल भी भेजा है कहा कि इस इमेल आईडी पर तस्वीर और वीडियो शेयर करने की अपील की है। इसके अलावा भारतीय दूतावास , मीडिया संस्थान और अन्य दफ्तरों के बार भ भी 13-14 फरवरी को आंदोलन करें।