सुरक्षित और हरित दुनिया के निर्माण को हरित व टिकाऊ वैश्विक समुद्री परिवहन प्रणाली नितांत आवश्यक: स्वामी चिदानन्द सरस्वती
ऋषिकेश। अंतरराष्ट्रीय समुद्री दिवस पर परमार्थ निकेेतन के परमाध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती मर्चेंट बेड़े में कार्य करने वाले अधिकारियों और कर्मचारियों का अभार व्यक्त किया है।उन्होंने कहा कि सुरक्षित और हरित दुनिया के निर्माण के लिये हरित और टिकाऊ वैश्विक समुद्री परिवहन प्रणाली नितांत आवश्यक है। उन्होंने कहा कि मरीन में सेवा देना चुनौतियों से युक्त और साहसिक कार्य है।उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी के दौरान एक स्थान से दूसरे स्थान पर आवश्यक चिकित्सा सामग्री, भोजन व राशन की आपूर्ति तथा अन्य बुनियादी सामान को पहुंचाने में मर्चेंट बेड़े का महत्वपूर्ण योगदान है।
संयुक्त राष्ट्र संघ की ओर से जारी रिपोर्ट के मुताबिक कोरोना के दौरान शिपिंग ने विश्व व्यापार का 80 प्रतिशत से अधिक परिवहन जारी रखा है। उन्होंने कहा कि मर्चेंट में सेवा दे रहे लोगों के ज़ज्बे को सलाम क्योंकि मर्चेंट बेड़े ने कोविड-19 के दौरान एक राष्ट्र से दूसरे राष्ट्रों तक बुनियादी सामग्री पहुंचाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया। उन्होंने कहा कि समुद्री यात्रा के दौरान मरीन में सेवा दे रहे लोगों को कई संकटों का सामना करना पड़ता है, उन्हें कई दिनों तक और कभी-कभी तो कई महीनों तक समुद्र में ही फंसे रहना पडता हैं।
संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा विश्व समुद्री दिवस वर्ष 2020 की थीम ’’स्थायी ग्रह के लिए सतत शिपिंग’’ रखी गयी है जिसका उद्देश्य सतत विकास लक्ष्यों के विषय में जागरुकता बढ़ाना तथा आने वाले समय में सुरक्षित भविष्य हेतु सतत विकास लक्ष्यों को प्राप्त करने हेतु आवश्यक कदम बढ़ाने के लिये जनमानस को जागृत करना हैं। अंतर्राष्ट्रीय शिपिंग दुनिया भर में लोगों और समुदायों के लिए वैश्विक व्यापार का 80 प्रतिशत से अधिक परिवहन करता है। शिपिंग, अंतरराष्ट्रीय परिवहन का सबसे कुशल और कम लागत वाला प्रभावी तरीका है। यह विश्व स्तर पर वस्तुओं के परिवहन, वाणिज्य को सुविधाजनक बनाने, राष्ट्रों और लोगों के बीच समृद्धि बनाने में मदद करने के लिए एक भरोसेमंद, कम लागत वाला साधन है।
विश्व समुद्री दिवस की शुरुआत संयुक्त राष्ट्र ने अंतर्राष्ट्रीय समुद्री संगठन के माध्यम से की थी। यह दिन दुनिया की अर्थव्यवस्था, विशेष रूप से शिपिंग में, अंतर्राष्ट्रीय समुद्री उद्योग द्वारा दिए गए योगदान हेतु आभार व्यक्त करने के लिये मनाया जाता है। विश्व समुद्री दिवस 17 मार्च 1978 को पहली बार मनाया गया था। लेकिन अब इसे सितंबर के अंतिम सप्ताह में मनाया जाता है।