सत्र बुलाने की मांग पर राज्यपाल ने सीएम गहलोत को कहा आपका गृह मंत्रालय राज्यपाल की रक्षा भी नहीं कर सकता

राजस्थान में कांग्रेस वर्सेज कांग्रेस के बीच सियासी संकट जारी है। ऐसे में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत विधानसभा सत्र की मांग कर रहे हैं। जिसके लिए अशोक गहलोत सहित कांग्रेस विधायकों ने राजस्थान में राजभवन में धरना भी दिया। वहीं अब राजस्थान के राज्यपाल कलराज मिश्र ने कहा है कि संवैधानिक मर्यादा से ऊपर कोई नहीं होता है। किसी भी प्रकार की दबाव की राजनीति नहीं होनी चाहिए।
बता दे कि राजस्थान सरकार के जरिए विधानसभा सत्र बुलाए जाने की मांग लगातार हो रही है। आज सुबह जब हाई कोर्ट का निर्णय आया और वह निर्णय सचिन पायलट के हक में गया तो उसके बाद से ही मुख्यमंत्री अशोक गहलोत विधानसभा सत्र बुलाने की मांग कर रहे हैं। वही रणदीप सुरजेवाला ने भी ट्वीट कर कहां है कि जब कांग्रेस की बहुमत है तो सत्र क्यों नहीं हो सकता। इस पर राजस्थान के राज्यपाल कलराज मिश्र की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि राज्य सरकार के जरिए 23 जुलाई को रात में विधानसभा के सत्र को काफी कम नोटिस के साथ बुलाए जाने की पत्रावली पेश की गई। पत्रावली में गुण दोषों के आधार पर राजभवन के जरिए परीक्षण किया गया और कानून विशेषज्ञों से परामर्श लिया गया।
राजस्थान के राज्यपाल कलराज मिश्र ने CM अशोक गहलोत को लिखा, “इससे पहले की मैं विधानसभा सत्र बुलाने पर विशेषज्ञों से चर्चा कर पाऊं, उससे पहले ही आपने सार्वजनिक रूप से कह दिया कि यदि आज राजभवन का घेराव होता है, तो आप की जिम्मेदारी नहीं है।
राजस्थान के राज्यपाल कलराज मिश्र ने CM अशोक गहलोत को लिखा, “आप और आपका गृह मंत्रालय राज्यपाल की रक्षा भी नहीं कर सकता है तो राज्य में कानून-व्यवस्था की स्थिति के संबंध में आपका क्या मंतव्य है?”