सरकार का बड़ा ऐलान, कश्मीरी विस्थापितों को वापस मिलेगी पुश्तैनी जायदाद

नई दिल्ली. कश्मीर घाटी (Kashmir Valley) में हिंसा के कारण मजबूर होकर घाटी छोड़ने वाले विस्थापित कश्मीरियों को उनकी पुश्तैनी जायदाद अब वापस मिल सकेगी. केंद्रशासित प्रदेश प्रशासन ने इसकी कवायद शुरू कर दी है. दरअसल जम्मू-कश्मीर सरकार (Jammu Kashmir Government) ने एक शिकायत पोर्टल तैयार किया है, जिसके जरिए देश विदेश में कहीं भी रहने वाले विस्थापित कश्मीरी अपनी जायदाद के कब्जे या उन्हें कम दामों में खरीदे जाने की शिकायत दर्ज करा सकेंगे. इन शिकायतों की जांच के बाद एक तय सीमा में सरकार शिकायतकर्ता की जायदाद वापस कराएगी.

 

दैनिक जागरण की खबर के मुताबिक एक अधिकारी ने कहा कि आतंकी धमकियों के कारण जब लाखों को कश्मीरियों को घाटी से भागना पड़ा तब उनकी संपत्ति को सुरक्षित रखने की जिम्मेदारी सरकार की थी, लेकिन सरकार इसमें विफल रही. पलायन करने वाले लोगों के मकान, दुकान और अचल संपत्तियों पर कब्जा कर लिया गया. वहीं विस्थापितों को डरा धमकाकर संपत्तियों को जबरन खरीद भी लिया गया. वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि अब सरकार ने ऐसी संपत्तियों को वापस कराने का फैसला किया है.

अधिकारी ने बताया कि शिकायत करने के लिए शिकायतकर्ता को पोर्टल पर अपने नाम के साथ मौजूदा पता बताना होगा. साथ ही यह भी बताना होगा कि पुश्तैनी संपत्ति किस गांव, जिले या तहसील में है. शिकायत दर्ज कराए जाने के बाद संबंधित जिलाधिकारी खुद ईमेल या फोन पर शिकायतकर्ता से संपर्क करेगा और उन्हें वापस दिलाने के लिए कार्रवाई शुरू करेगा.

उन्होंने कहा कि बहुत सारे मामलों में संपत्ति दादा, परदादा या रिश्तेदार के नाम पर हो सकती है. पोर्टल में यह जानकारी देने की भी सुविधा दी गई है. निजी संपत्ति के साथ-साथ पोर्टल पर धार्मिक और सामुदायिक संपत्तियों के जबरन कब्जे की शिकायत भी की जा सकेगी. रिपोर्ट के मुताबिक शिकायतकर्ता को बताना होगा कि किन परिस्थितियों में जायदाद बेचनी पड़ी. दावे सही पाए जाने पर प्रशासन कार्रवाई करेगा.

 

 

Related Articles

Back to top button