ड्रोन के इस्तेमाल पर सरकार सख्त, रक्षा मंत्रालय और तीनों सेनाएं तैयार करेंगी नई नीति
नई दिल्ली. जम्मू (Jammu) स्थित एयरफोर्स स्टेशन पर हुए ड्रोन हमले के बाद सरकार अलर्ट है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने इस घटना को लेकर एक उच्च स्तरीय बैठक बुलाई थी. खबर है कि बैठक में ड्रोन (Drone) के इस्तेमाल को लेकर नियम बनाने पर चर्चा की गई है. इसके अलावा उभरते हुए नए खतरों और भविष्य की चुनौतियों को लेकर भी नीति तैयार करने पर बात की गई. रविवार को संवेदनशील इलाके में हुए हमले में दो लोग घायल हो गए थे.
हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, मीटिंग के दौरान हवाई प्रबंधन, ड्रोन का उपयोग से जुड़ा नियामक ढांचा, भविष्य के डिलीवरी सिस्टम के तौर पर ड्रोन की उपयोगिता, उड़ान भरने की अनुमति और इससे जुड़े सुरक्षा मुद्दों पर भी चर्चा की गई थी. जम्मू में हुए हमले के अलावा क्षेत्र में नजर आ रहे अनमैन्ड एयरक्राफ्ट सिस्टम (UAS) को लेकर सरकार सख्त रवैया अपना रही है.
रिपोर्ट के मुताबिक, नई नीति तैयार करने में रक्षा मंत्रालय और सेना की तीनों सेवाएं अहम भूमिका निभाएंगी. भारतीय वायुसेना की हवाई सुरक्षा इकाइयां देश के हवाई क्षेत्र में संचालित हो रहे मानव और मानव रहित उड़ानों की निगरानी करेंगी. रिपोर्ट में पीटीआई के हवाले से लिखा गया है कि तीनों सेनाओं को ड्रोन हमले जैसी नए दौर की चुनौतियों का सामना करने पर पर्याप्त रूप से ध्यान के लिए कहा गया है. साथ ही इस तरह के हमलों को रोकने के लिए जरूरी उपकरणों खरीदने के लिए भी कहा गया है.
खबर है कि तीनों सेनाओं के प्रमुख और राष्ट्रीय स्तर पर सुरक्षा के जिम्मेदार आने वाले हफ्तों में मीटिंग कर सकते हैं. इन बैठकों में नीति निर्माण के काम को और तेज करने पर जोर दिया जाएगा. हाई-लेवल मीटिंग के दौरान सुरक्षा बलों को उपकरण देने, युवाओं को शामिल करने समेत कई मुद्दों पर भी चर्चा की गई. डिफेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट ऑर्गेनाइजेशन (DRDO) के प्रमुख जी सतीश रेड्डी पहले ही कह चुके हैं कि उनके पास काउंटर ड्रोन टेक्नोलॉजी है, जो सशस्त्र बलों को छोटे UAS का पता लगाने और उन्हें खत्म करने में मदद करेगी.जम्मू-कश्मीर पुलिस के डीजी दिलबाग सिंह ने कहा है कि जम्मू में हुए हमले के बीच लश्कर-ए-तैयबा का हाथ माना जा रहा है. फिलहाल वायुसेना ने हमले के बाद आसपास के इलाकों में सुरक्षा बढ़ा दी है. इस बैठक में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, नागरिक उड्डयन मंत्री हरदीप पुरी और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल मौजूद थे.