प्रदेश कर्मचारियों के महंगाई भत्ते को रोकने के निर्णय पर पुनर्विचार करे सरकार – राजेंद्र यादव
उत्तर प्रदेश जल संस्थान कर्मचारी महासंघ के प्रदेश महामंत्री राजेन्द्र यादव ने बताया कि इस समय वैश्विक महामारी कोरोना से लड़ने के लिए सरकारी कर्मचारी जिस तत्परता से अपनी जान जोखिम में डाल कर सेवा भाव से कार्य कर रहे हैं वह बहुत ही अद्वितीय एवं प्रशंसनीय है इस महामारी से लड़ने में मुख्य रूप से डाक्टर, नर्स, सफाई कर्मचारी, नगर निगम कर्मचारी, जल कल विभाग कर्मचारी, पुलिस एवं विद्युत कर्मचारी इमरजेन्सी सेवा कर रहे हैं इन सभी कोरोना वारियर्स पर पूरे प्रदेश को गर्व है ऐसे में राज्य सरकार द्वारा प्रदेश के कर्मचारियों एवं पेंशनरों का महंगाई भत्ता, नगर प्रतिकर भत्ता सहित छः भत्तों को फ्रीज कर देने से कर्मचारियोंका मनोबल गिरेगा और उनकी कार्य क्षमता पर विपरीत प्रभाव पड़ेगा इसलिए सरकार से आग्रह है कि कोरोना से लड़ने वाले इन कर्मचारियों के फ्रीज किये गये भत्तों के आदेश पर पुनर्विचार करके बहाल करना चाहिए यदि सरकार को कोरोना से लड़ने के लिए आर्थिक व्यवस्था करनी है तो प्रदेश में लगभग 13 लाख एनपीएस कर्मचारी हैं एनपीएस के रूप में कर्मचारियों का दस प्रतिशत एवं सरकार का चौदह प्रतिशत पैसा जमा होता है जो अरबों रुपये होता है यदि सरकार चाहे तो इसे समाप्त कर अपने खजाने में अरबों रुपये की व्यवस्था कर सकती है और इससे कर्मचारी भी सहमत रहेंगे और एनपीएस के दस प्रतिशत धनराशि को जीपीएफ में परिवर्तित कर दे जो अविलंब सरकारी खजाने में पहुँच जायेगा इससे प्रदेश के कर्मचारियों का मनोबल भी नहीं गिरेगा और सरकार का खजाना भी भर जायेगा।