कोरोना के प्रभावी उपचार के लिए सरकार उपलब्ध करा रही सभी संसाधन: योगी
झांसी उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कोविड-19 की समीक्षा बैठक में गुरूवार को कहा कि इस महामारी से निपटने के लिए सरकार उपचार के सभी संसाधन उपलब्ध करा रही है , इसके तहत सभी जिलों में ऑक्सीजन और जीवनरक्षक दवाईयों की अबाध उपलब्धता और कोविड बेड की संख्या में वृद्धि की जा रही है।
मुख्यमंत्री ने वर्चुअल माध्यम से आहूत एक उच्चस्तरीय बैठक में कोविड-19 की स्थिति की समीक्षा कर करते हुए कोरोना संक्रमण के विरुद्ध संघर्ष को पूरी दृढ़ता के साथ जारी रखने के निर्देश दिये । उन्होंने कहा कि राज्य सरकार कोविड-19 के प्रभावी उपचार के लिए सभी संसाधन उपलब्ध करा रही है। उपचार की प्रभावी व्यवस्था बनाए रखने के भी निर्देश दिये हैं।
उन्होंने कहा कि प्रदेश में कोरोना संक्रमण की चेन को तोड़ने में आंशिक कोरोना कर्फ्यू उपयोगी सिद्ध हो रहा है। प्रदेश सरकार के इस प्रयास को जनता का पूरा सहयोग मिल रहा है। लोग स्वतः आवागमन कम कर रहे हैं। उन्होंने वर्तमान में 06 मई, 2021 को प्रातः 07 बजे तक लागू आंशिक कोरोना कर्फ्यू को सोमवार 10 मई, 2021 को प्रातः 07 बजे तक विस्तारित किये जाने के निर्देश दिये हैं। सभी जनपदों में आंशिक कोरोना कर्फ्यू को प्रभावी ढंग से लागू किया जाए।
आंशिक कोरोना कर्फ्यू के दौरान आकस्मिक एवं आवश्यक गतिविधियां संचालित होती रहेंगी। स्वास्थ्य सम्बन्धी कार्यों के लिए पूरी छूट रहेगी। औद्योगिक गतिविधियां तथा ई-कॉमर्स से सम्बन्धित कार्य यथावत चलते रहेंगे। खाद्यान्न वितरण एवं टीकाकरण का कार्य कोविड प्रोटोकॉल का पालन करते हुए सुचारु रूप से जारी रहेगा। किराना दुकानें खुली रहेंगी। अनावश्यक आवागमन बन्द रहे। दवा अथवा ऑक्सीजन के लिए जाने वालों को रोका न जाए। विशेष परिस्थितियों के लिए ई-पास की व्यवस्था लागू रहे।
आंशिक कोरोना कर्फ्यू के दौरान ठेला लगाने वालों, दैनिक श्रमिकों, रिक्शा/ई-रिक्शा चालकों, रेहड़ी/पटरी व्यवसायियों आदि के लिए कम्युनिटी किचन का संचालन प्रारम्भ कर दिया जाए। प्रत्येक जनपद में शहरी क्षेत्रों में गरीबों और निराश्रितों के लिए कम्युनिटी किचन की व्यवस्था हो। इसके माध्यम से जरूरतमन्दों को गुणवत्तायुक्त भोजन उपलब्ध कराया जाए। भोजन तैयार करने वालों की संक्रमण की दृष्टि से जांच अवश्य की जाए। उन्होंने कण्टेनमेण्ट जोन में डोर स्टेप डिलीवरी की व्यवस्था को प्रभावी ढंग से लागू करने के निर्देश भी दिये।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि विगत कुछ दिनों से प्रतिदिन संक्रमण के नये मामलों की तुलना में स्वस्थ होकर अस्पताल से डिस्चार्ज होने वालों की संख्या अधिक हो रही है। यह एक आशाजनक संकेत है। उन्होंने कोरोना के खिलाफ प्रयासों को पूरी प्रतिबद्धता से जारी रखने के निर्देश दिये। कोरोना की लड़ाई में वैक्सीन एक कारगर हथियार है। इसके महत्व को ध्यान में रखते हुए प्रदेश में कोविड टीकाकरण अभियान तेजी से संचालित किया जा रहा है।
उत्तर प्रदेश देश के उन चन्द राज्यों में शामिल है, जहां एक मई से वैक्सीनेशन 18 से 44 वर्ष के लोगों के लिए प्रारम्भ किया गया है। उत्तर प्रदेश इस आयु वर्ग के लिए निःशुल्क टीकाकरण की घोषणा करने वाला पहला राज्य भी है। अब तक 18-44 वर्ष आयु वर्ग के 51,284 लोगों को टीके की पहली डोज लगायी जा चुकी है। 45 वर्ष से अधिक आयु के लोगों का टीकाकरण भी सुचारु रूप से सम्पन्न हो रहा है। अब तक 1,30,90,985 लोगों को वैक्सीनेट किया गया है। वैक्सीन की एक-एक डोज बहुमूल्य है, इसलिए वैक्सीन का वेस्टेज न्यूनतम करने के लिए विशेष प्रयास किये जाएं। उन्होंने 18 से 44 वर्ष आयु वर्ग के लोगों के वैक्सीनेशन के लिए टीके की आपूर्ति के सम्बन्ध में जारी किये गये ग्लोबल टेण्डर का अनुश्रवण करते हुए यथाशीघ्र आपूर्ति सुनिश्चित कराने के भी निर्देश दिये।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि कोरोना संक्रमण से गांवों को सुरक्षित रखने के उद्देश्य से प्रदेशव्यापी वृहद टेस्टिंग अभियान प्रारम्भ किया जा रहा है। इसके तहत निगरानी समितियों के माध्यम से घर-घर स्क्रीनिंग की जाए। लोगों के तापमान और ऑक्सीजन लेवल को चेक किया जाए। लक्षणयुक्त व्यक्तियों का आरआरटी द्वारा रैपिड एण्टीजन टेस्ट किया जाए। आवश्यकतानुसार लोगों के लिए अस्पताल अथवा क्वारण्टीन सेन्टर अथवा होम आइसोलेशन की व्यवस्था की जाए। होम आइसोलेशन वाले मरीजों को अनिवार्य रूप से मेडिकल किट उपलब्ध कराते हुए उन्हें अन्य सावधानियां बरतने की जानकारी दी जाए। उन्होंने आरआरटी तथा अभियान के लिए वाहनों की संख्या में वृद्धि के निर्देश देते हुए कहा कि अगले एक सप्ताह तक ग्रामीण इलाकों में स्क्रीनिंग का व्यापक अभियान संचालित किया जाए।
प्रदेश में कोविड उपचार सुविधाओं को लगातार सुदृढ़ किया जा रहा है। सभी जनपदों में बेड की वर्तमान क्षमता को दोगुना करने के लिए प्रभावी प्रयास किये जा रहे हैं। उन्होंने निर्देशित किया कि नॉन-कोविड मरीजों के उपचार के लिए प्रत्येक जनपद में एक डेडिकेटेड अस्पताल का संचालन किया जाए, जहां गम्भीर रोगों के इलाज की उच्चस्तरीय सुविधा उपलब्ध रहे। उन्होंने कहा कि प्रत्येक जनपद में नॉन-कोविड मरीजों को टेलीकंसल्टेंसी के माध्यम से चिकित्सीय परामर्श देने के लिए चिकित्सकों का पैनल गठित किया जाए। मुख्य चिकित्सा अधीक्षक को इसके सुचारु संचालन के लिए जवाबदेह बनाया जाए। उन्होंने महिलाओं एवं बच्चों के उपचार के लिए प्रत्येक जनपद में जिला महिला चिकित्सालय को प्रभावी ढंग से संचालित करने के निर्देश भी दिये।
‘108’ एम्बुलेंस सेवा की 75 प्रतिशत एम्बुलेंस का संचालन कोविड कार्य हेतु किया जाए। शेष 25 प्रतिशत एम्बुलेंस को नॉन-कोविड मरीजों के लिए आरक्षित रखा जाए। एम्बुलेंस के चालकों एवं अन्य सहयोगी स्टाफ को मास्क, ग्लव्स तथा सैनिटाइजर आदि अनिवार्य रूप से उपलब्ध कराया जाए। प्रत्येक कोविड अस्पताल प्रतिदिन दो बार संस्थान में खाली बेड की संख्या सार्वजनिक रूप से प्रदर्शित करें। यह विवरण पोर्टल पर भी उपलब्ध रहना चाहिए। मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रदेश में मेडिकल ऑक्सीजन की सुचारु आपूर्ति के लिए सभी प्रयास किये जा रहे हैं। प्रत्येक दिन आपूर्ति में वृद्धि हो रही है। विगत 24 घण्टे में साढ़े सात सौ मीट्रिक टन से अधिक ऑक्सीजन सरकारी व निजी चिकित्सालयों को उपलब्ध करायी गयी। उन्होंने ऑक्सीजन की पारदर्शी आपूर्ति व्यवस्था को लागू करने के निर्देश दिए।
प्रदेश में रेमडेसिविर सहित सभी जीवनरक्षक दवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित कराई जा रही है। केंद्र सरकार द्वारा प्रदेश के लिए रेमडेसिविर के दैनिक आवंटन में वृद्धि की गयी है। सरकारी कोविड अस्पतालों में यह इंजेक्शन पूर्णतः निःशुल्क है। निजी अस्पतालों को जरूरत के अनुसार जिलाधिकारी/मुख्य चिकित्सा अधिकारी द्वारा इसकी उपलब्धता कराई जा रही है। सभी जिलाधिकारी और मुख्य चिकित्सा अधिकारी यह सुनिश्चित करें कि जब भी किसी मरीज को यह इंजेक्शन दिया जाए तो वहां नर्सिंग स्टाफ के साथ-साथ एक चिकित्सक भी उपस्थित हो। इस जीवनरक्षक दवा की मांग,आपूर्ति और खपत का पूरा विवरण रखा जाए। प्रत्येक हाॅस्पिटल जिला अधिकारी/मुख्य चिकित्सा अधिकारी को इसकी रिपोर्ट दे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जनपदों में स्वच्छता, सैनिटाइजेशन तथा फॉगिंग का कार्य युद्धस्तर पर किया जाए। कोविड संक्रमण की रोकथाम के साथ-साथ विभिन्न संचारी रोगों से बचाव में भी इस गतिविधि का योगदान है। उन्होंने निर्देशित किया कि मास्क के अनिवार्य उपयोग के सम्बन्ध में प्रवर्तन की कार्यवाही प्रभावी ढंग से जारी रखी जाए। मुख्यमंत्री हेल्प लाइन द्वारा होम आइसोलेशन में रह रहे लोगों के साथ-साथ अस्पताल में भर्ती मरीजों से संवाद स्थापित करते हुए, उनके स्वास्थ्य लाभ की जानकारी प्राप्त की जाए। उन्होंने खाद्यान्न वितरण कार्यक्रम को सोशल डिस्टेंसिंग के पूर्ण पालन के साथ संचालित करने के निर्देश दिये।
योगी द्वारा वर्चुअल समीक्षा के दौरान जिलाधिकारी आन्द्रा वामसी ने जनपद में कोरोना संक्रमण को प्रभावी ढंग से नियंत्रित करने के लिए किए जा रहे कार्यों की बिंदुवार जानकारी दी। उन्होंने बताया कि कोरोना संक्रमित मरीजों का इलाज जनपद में मेडिकल कॉलेज सहित सरकारी अस्पतालों के साथ ही साथ लगभग 80 प्राइवेट नर्सिंग होम में भी किया जा रहा है, मरीजों को जहां ऑक्सीजन और वेंटिलेटर की सुविधा उपलब्ध है। मेडिकल कॉलेज, सरकारी हॉस्पिटल सहित सभी नर्सिंग होम में ऑक्सीजन गैस की उपलब्धता सुनिश्चित की गई है।
जिलाधिकारी ने बताया कि ग्रामीण क्षेत्र में कोरोना संक्रमण को प्रभावी ढंग से रोकने के लिए टीम का गठन कर दिया गया है, ग्रामीण क्षेत्र में निगरानी समितियों को सक्रिय किया गया है इसके साथ ही एएनएम, आशा, आंगनवाडी कार्यकत्री घर जाकर लोगों की जांच कर रहे हैं। इसके अतिरिक्त ग्रामीण क्षेत्र में क्वॉरेंटाइन सेंटर भी संचालित किए जा रहे हैं जिसमें बाहर से आने वालों को करंट इन किया जाएगा।
इस मौके पर एनआईसी में मंडलायुक्त सुभाष चंद्र शर्मा, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक रोहन पी कनय, नगर आयुक्त अवनीश कुमार राय, प्रधानाचार्य मेडिकल कॉलेज एन एस सेंगर, प्रभारी सीएमओ डॉ सुधीर कुलश्रेष्ठ सहित अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।