सरकार झुकी जेएनयू की फीस बढ़ोतरी वापस ली
जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी में चल रहे जेएनयू छात्रों के प्रदर्शन के आगे घुटने टेकते हुए सरकार ने फीस बढ़ोतरी का आदेश वापिस ले लिया है। इसके साथ ही गरीब छात्रों को आर्थिक सहायता देने के लिए एक योजना प्रस्तावित की गई है। बता दें कि सरकार ने यूनिवर्सिटी के हॉस्टल रूम की फीस बढ़ा दी थी। साथ ही हॉस्टल में आने के समय पर भी पाबन्दी लगा दी गई थी।
गौरतलब है कि जेएनयू प्रशासन ने हॉस्टल में इस्टैबलिशमेंट चार्जेज, क्रॉकरी और न्यूजपेपर आदि की कोई फीस नहीं बढ़ाई थी। लेकिन रूम रेंट में भारी बढ़ोत्तरी की थी। वहीं हॉस्टल में पहले छात्रों को कभी सर्विस चार्ज या यूटिलिटी चार्जेज जैसे कि पानी और बिजली के पैसे नहीं देने होते थे। जेएनयू प्रशासन की ओर से इसमें भी बढोत्तरी की गई थी। यूटिलिटी चार्जेज के तौर पर (एज पर एक्चुअल) यानी इस्तेमाल के अनुसार बिल का प्रावधान कर दिया गया था। इसके अलावा भी प्रशासन ने एक नई मद जोड़ी थी।
इसके साथ ही प्रशासन ने वन टाइम मेस सिक्योरिटी जो कि पहले 5500 रुपये थी, इसे भी 200 पर्सेंट से ज्यादा बढ़ाकर 12000 रुपये किया गया था। इन्ही सब की वजह से जेएनयू छात्र लंबे समय से प्रदर्शन कर रहे थे। जेएनयू छात्रसंघ ने बुधवार को होने जा रही एग्जीक्यूटिव काउंसिल की बैठक के ठीक पहले बैठक स्थल के बाहर धरना दिया था। वहीं एबीवीपी ने भी बुधवार को यूजीसी कार्यालय के बाहर प्रदर्शन किया था। देश भर के संस्थानों के छात्र संगठन एकजुट होकर इस मामले में जेएनयू छात्रों के सपोर्ट में आ गए थे। इतने बड़े स्तर पर विरोध प्रदर्शन को देखते हुए सरकार ने ये फीस बढ़ोतरी को वापिस लेने का फैसला किया।