ओंकारेश्वर में अहिल्यादेवी खासगी ट्रस्ट की सभी संपत्तियों का सरकार ने किया अधिग्रहण
ओंकारेश्वर। तीर्थनगरी ओंकारेश्वर में शनिवार को खंडवा जिला कलेक्टर के आदेश पर क्षेत्रीय तहसीलदार उदय मंडलोई एवं ओंकारेश्वर नगर परिषद के वरिष्ठ कर्मचारियों तथा मंदिर ट्रस्ट के कर्मचारियों की संयुक्त टीम ने उन संपत्तियों को अपने कब्जे में ले लिया जिन पर अनाधिकृत रूप से कब्जा था। अहिल्यादेवी खासगी चैरिटेबल टेबल ट्रस्ट की सभी 12 संपत्तियों का अधिग्रहण कर लिया गया है।
जानकारी के अनुसार इन संपत्ति पर पक्का निर्माण कार्य करवा लिया ऐसे सभी लोगों एवं संस्थाओं को विधिवत नोटिस देकर इन संपत्तियों पर मध्यप्रदेश शासन द्वारा अधिग्रहण करने संबंधी सूचना पटल लगा दिए गए हैं।
जिन प्रमुख संपत्तियों को अधिग्रहित किया गया है उसमें ममलेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर एवं ब्रम्हपुरी क्षेत्र में स्थित श्री गजानन महाराज संस्थान का भक्त निवास भी सम्मिलित है। इसके साथ ही विष्णुपुरी क्षेत्र के महानिर्वाणी पंचायती अखाड़े अखाड़े परिसर से लगी अहिल्यादेवी खाजगी ट्रस्ट का बंगला एवं इसी से लगा हुआ मैनेजर का निवास एवं धर्मशाला सम्मिलित है। इसके अलावा ओंकारेश्वर के नवीन बस स्टैंड से कुछ दूरी पर स्थित अहिल्यादेवी अहिल्यादेवी खासगी ट्रस्ट का तालाब जिसमें ओंकारेश्वर में नहर बनने के दौरान केडीएस कंपनी द्वारा इस तालाब को मटेरियल से भर दिया गया था तथा इससे लगी भूमि जिस पर रघुवंशी समाज की धर्मशाला बनी हुई है। इस धर्मशाला को भी अधिग्रहित कर लिया गया है ग्राम कोठी से सनावद जाने वाले भोगांवा मार्ग पर स्थित गंगा बावड़ी एवं इससे लगी 45 डिसमिल कृषि भूमि को भी अधिग्रहित करके यहां पर मध्य प्रदेश शासन का बोर्ड लगा दिया है।
सत्तर एकड़ कृषि भूमि का है भारी घोटाला
सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार विष्णुपुरी क्षेत्र के महानिर्वाणी अखाड़े परिसर से लगी इस ट्रस्ट की संपत्ति को अहिल्या देवी चैरिटेबल के कर्ता-धर्ता ओं द्वारा विदेशी व्यक्ति को बेचे जाने से भी परहेज नहीं किया गया। इटली के जिस नागरिक को यह संपत्ति बेची है। उसमें विदेशी आकर रहते हैं और यहां पर भरपूर मात्रा में गांजा चरस एवं अन्य मादक पदार्थों का उपयोग खुलेआम धड़ल्ले से किया जाता रहा है। इसी प्रकार इस ट्रस्ट का जो तालाब है उसके आसपास भारी मात्रा में कृषि भूमि थी जिसका उल्लेख खंडवा जिला कलेक्टर द्वारा जो आदेश संपत्तियों के अधिग्रहित किए जाने का किया गया है उसमें तालाब एवं इससे लगी कृषि भूमि 28 दशमलव 06 हेक्टेयर दर्शाया गया है तथा तालाब का रकबा 0.470 एकड़ दर्शाया गया है। यह भूमि खसरा नंबर 11 के तहत आती है जो अब कई भागों में बट गई है लेकिन इस जमीन वर्तमान में मौके पर मौजूद नहीं है।
इस कृषि भूमि की खोजबीन में भी कई घोटाले सामने आने की संभावना है। साथ ही तालाब से लगी भूमि को इंदौर के दलालों के माध्यम से बेच दिया गया। इस तालाब मुख्य रोड से लगी इस जमीन कृषि भूमि की आज की कीमत 50लाखरुपए प्रति एकड़ मानी जाए तो इसमें कोई अतिशयोक्ति नहीं है। अहिल्या देवी चैरिटेबल ट्रस्ट के कर्ता-धर्ता ओने विदेशी नागरिकों को भी संपत्ति बेचने में कोताही नहीं की।
इस संबंध में ओमकारेश्वर में अहिल्यादेवी खासगी चैरिटेबल ट्रस्ट की सभी 12 संपत्तियों का सीमांकन एवं पंचनामा बनाकर अधिग्रहण किया गया है। जिसमें तालाब से लगी कृषि भूमि का खसरा नंबर 11 है । जिसके अनेक भाग हो गए हैं जिसकी खोजबीन की जाना बाकी है। जिन स्थानों पर संस्था के प्रमुख अथवा मैनेजर या अन्य व्यक्ति उपस्थित थे। इन्हें विधिवत मध्यप्रदेश शासन की ओर से जिला प्रशासन का नोटिस देकर इन संपत्तियों पर मध्य प्रदेश शासन के अधीन संबंधी बोर्ड लगा दिए गए हैं।
क्षेत्रीय अतिरिक्त तहसीलदार एवं अधिग्रहण टीम प्रभारी उदय मंडलोई का कहना है कि मध्य प्रदेश शासन के आदेश पर खंडवा जिला कलेक्टर द्वारा जारी की गई अहिल्यादेवी खासगी चैरिटेबल ट्रस्ट की 12 संपत्तियों का सीमांकन एवं पंचनामा बनाकर इसे विधिवत रुप से मध्य प्रदेश शासन के अधीन करने का कार्य कलेक्टर द्वारा बनाई गई टीम द्वारा किया गया है। जिसका में भी सदस्य हूं।