गोरखपुर : परिषदीय विद्यालयों के तीन फर्जी शिक्षक को जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी ने किया बर्खास्त
गोरखपुर। फर्जी दस्तावेजों की मदद से परिषदीय विद्यालयों में नौकरी करने वाले तीन फर्जी शिक्षकों को बेसिक शिक्षा विभाग ने बर्खास्त कर दिया है।
बीएसए बीएन सिंह का कहना है कि तीन फर्जी शिक्षकों के खिलाफ कूटचरित दस्तावेजों के सहारे नौकरी करने की शिकायत मिली थी। जांच में आरोप सही मिलने पर उन्हें बर्खास्त कर दिया गया है।
उन्होंने बताया कि जांच के दौरान आरोप सिद्ध होने पर कार्रवाई की गई। इनपर मुकदमा दर्ज कराने के साथ ही वेतन रिकवरी की कार्रवाई भी होगी। ब्रह्मपुर ब्लॉक के प्राथमिक विद्यालय भगने में तैनात सहायक अध्यापक संतोष कुमार की नियुक्ति वर्ष 2010 में हुई थी। हाईस्कूल के अंकपत्र व प्रमाणपत्र को सत्यापन के लिए संबंधित विद्यालय भेजा गया। विद्यालय ने टीसी में शिक्षक की जाति गुप्ता का उल्लेख किया जबकि उन्होंने अनुसूचित जाति के कोटे से नौकरी पाई थी। ऐसे ही मानव संपदा पोर्टल से कैंपियरगंज के प्राथमिक विद्यालय खरौली के प्रधानाध्यापक शिवबचन सिंह के अभिलेखों में गड़बड़ी की जानकारी हुई। महानिदेशक स्कूल शिक्षा ने बेसिक शिक्षा अधिकारी को जांच दी।
जांच में आरोपी शिक्षक ने बलिया जिले के प्राथमिक विद्यालय खिरौली के प्रधानाध्यापक शिवबचन सिंह के अभिलेखों के आधार पर नियुक्ति हासिल की थी। जिसके बाद विभाग ने इन्हें बर्खास्त कर दिया वहीं जंगल कौड़िया ब्लॉक के प्राथमिक विद्यालय जलार की प्रधानाध्यापिका वंदना पांडेय के बारे में फर्जी अभिलेखों के सहारे नौकरी हासिल करने की शिकायत एसटीएफ से हुई थी। एसटीएफ की फील्ड यूनिट ने शिक्षिका की पत्रावली तलब की थी। बेसिक शिक्षा विभाग ने शिक्षिका की पत्रावली की जांच शुरू की तो पाया गया कि आरोपी शिक्षिका ने इसी नाम की फैजाबाद जिले में तैनात एक शिक्षिका के अभिलेखों के सहारे नौकरी प्राप्त की थी। तीनों के खिलाफ विभाग को शिकायत मिली थी । उन्हें बर्खास्त कर दिया गया है।