गोरखपुर : हाइवे पर ओवरलोड वाहनों से अवैध वसूली करने वाले 6 को एटीएफ ने किया गिरफ्तार
गोरखपुरः ओवरलोड वाहनों से हाइवे पर अवैध वसूली करने वाले गिरोह का एसटीएफ ने पर्दाफाश किया है। एसटीएफ ने दो सरगना समेत कुल 6 लोगों को गिरफ्तार किया है। 15 सालों में इस गिरोह ने भारी वाहनों को पास कराने के नाम पर करोड़ों रुपए कमाने के साथ करोड़ों के राजस्व का चूना भी सरकार को लगाया है। एसटीएफ की मानें, तो ये गोरखधंधा आरटीओ विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों की मिलीभगत से होता रहा है।
एसटीएफ ने गोरखपुर बेलीपार इलाके के होटल मधुबन ढाबा से शुक्रवार को 6 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। एसटीएफ के मुताबिक गिरोह का सरगना गोरखपुर के बेलीपार इलाके के डवरपार के मेहरौली गांव का रहने वाला धर्मपाल सिंह और मनीष सिंह उर्फ सिक्कू सिंह है। इनके साथ चार साथियों मेहरौली के विवेक सिंह, श्रवण कुमार, राम सजन पासवान और देवरिया जिले के मदनपुर इलाके के मेहन कपरवारघाट के शैलेष मल्ल को गिरफ्तार किया है।
एसटीएफ ने इनके पास से एक रेनाल्ट डस्टर कार, स्कार्पियो, 12 मोबाइल, अवैध वसूली का 28,400 रुपए नकद, 35 डायरी और रजिस्टर जिसमें कई जनपदों के आरटीओ विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों का नाम, बैंक खाते का विवरण, माह-वर्षवार अलग-अलग जनपदों का अलग-अलग वाहनों सूचीवार गाड़ी नंबर सहित मालिकों का विवरण भी मिला है। कई बैंकों की चेकबुक और एटीएम कार्ड भी मिले हैं। वाहनों के आरसी और डीएल की फोटो कॉपी बरामद हुई है।
पूर्वांचल के कई शहरों में भारी वाहनों से अवैध वसूली कर उन्हें पास कराए जाने के नाम पर अवैध वसूली की सूचना मिल रही थी। इसी आधार पर उत्तर प्रदेश शासन ने इसकी जांच यूपी एसटीएफ को सौंपी थी। इसके साथ ही आवश्यक कार्रवाई के निर्देश भी दिए गए थे। यूपी एसटीएफ के पुलिस महानिरीक्षक अमिताभ यश और यूपी एसटीएफ के प्रभारी एसएसपी विशाल विक्रम सिंह ने एसटीएफ फील्ड इकाई गोरखपुर को जांच सौंपी थी। पुलिस उपाधीक्षक एसटीएफ विनोद कुमार सिंह और धर्मेश कुमार शाही के पर्यवेक्षण में टीम निरीक्षक सत्य प्रकाश सिंह के नेतृत्व में गठित टीम ने आरोपियों को गिरफ्तार किया। टीम को मधुबन ढाबे पर अवैध वसूली के हिसाब-किताब की सूचना मिली थी।
एसटीएफ के मुताबिक आरोपियों ने ये स्वीकार किया है कि इनका संगठित गिरोह है, जो पूर्वांचल के गोरखपुर, बस्ती, बलिया, गाजीपुर, देवरिया, कुशीनगर, महराजगंज, संतकबीरनगर, चंदौली, भदोही, मिर्जापुर, सोनभद्र, आजमगढ़, मऊ जनपदों में सक्रिय हैं। वे ओवरलोड वाहनों को पास कराने में मदद करते हैं। इसके एवज में ट्रक ड्राइवरों से रुपए वसूलते हैं। इसमें कुछ हिस्सा गैंग के सदस्यों का होता है। इनका एक साथी आरटीओ विभाग का हिस्सा लेकर संबंधित जनपद के अधिकारियों और कर्मचारियों का हिस्सा नकद दे देता है। कुछ ट्रक की वसूली का रुपया बैंक खाते में आता है।
ये प्रति वाहनों से 2,500 से 4,500 रुपए वसूलते रहे हैं। इस गैंग ने हर रोज सैकड़ों ट्रकों को पास कराने का ठेका ले रखा था। ओवरलोड वाहनों के मालिक खुद भी मधुबन ढाबा में आकर अवैध वसूली का रुपया पहुंचा दिया जाता रहा है।