Good news : सैनिटरी पैड की जगह महिलाओं फ्री बंटेगा मेंस्ट्रुअल कप
शालू जौहर साहनी ने बताया कि सिरोंना इंडिया के सहयोग से महिलाओं को इस बारे में शिक्षित किया जा रहा है। परामर्श कार्यशालाओं और मुफ्त मासिक धर्म कप के माध्यम से महिलाओं को बताया जा रहा है कि किस तरह बायो मेडिकल वेस्ट को कम करने में वो अहम भूमिका अदा कर सकती हैं। जितना सैनेटरी नैपकिन का उपयोग कम होगा उतना ही बायो मेडिकल वेस्ट भी कम होगा। कई विकसित देशों में इनका उपयोग बढ़ गया है, जिससे वहां पर बायो मेडिकल वेस्ट में भी कमी आई है। महिलाओं को विडियो भी दिखाया जा रहा है। इस संस्था की ओर से विभिन्न सार्वजनिक स्वास्थ्य केंद्रों पीएससी के माध्यम से लोगों तक यह कप पहुंचाए जाएंगे।
ये है फायदा
यह सिलिकॉन से बना होता है, जिसका इस्तेमाल पीरियड के दौरान किया जाता है। सैनेटरी नैपकिन के बजाय इस कप के इस्तेमाल से संक्रमण का खतरा कम रहता है। एक कप का यूज 9 से 10 घंटे तक किया जा सकता है। बड़ी बात ये है कि करीब 10 साल तक इसे यूज कर सकते हैं। इसका कोई साइडइफेक्ट नहीं। इससे कपड़ों में दाग भी नहीं लगता। उपयोग में लेने से पहले और बाद में इसे अच्छे से उबालकर साफ कर लिया जाता है। एक मेंस्ट्रुअल कप की कीमत करीब 700 रुपये है।
मुफ्त मासिक धर्म कप का इस्तेमाल भी किया जा रहा है। इससे एक तरफ जहां बायो मेडिकल वेस्ट में कमी आती है, वहीं संक्रमण का खतरा भी कम रहता है। इस कप को यूज करना भी बेहद आसान है। सबसे बड़ी बात एक कप का इस्तेमाल 9 घंटे तक भी किया जा सकता है। ‘मेरी पहचान’ कार्यक्रम के माध्यम से महिलाओं को इसके प्रति जागरूक किया जा रहा है। प्योर हार्ट संस्था की ओर से इस अवेयरनेस कैंपेन की शुरुआत आशा वर्कर्स के साथ मिलकर की गई है। इसका सबसे पहला कैंप तिगरा गांव में आंगनबाड़ी केंद्र में लगाया गया। पहले चरण के तहत 1000 महिलाओं को मेंस्ट्रुअल कप फ्री में बांटे जाने हैं।