बकरी बेचने वाले के बेटे के घर पड़ा छापा तो मिली 163 करोड़ नकदी, 100 किलो सोना
नागराजन सेय्यादुरई का पिता सेय्यादुरई था। वे तमिलनाडू के विरूधुनगर जिले के अरूप्पुकोटाई में बकरी पालन करते थे। बाद में वे राज्य के राजमार्ग विभाग में ठेकेदार बन गए। सुगन्या रामकृष्णन और सुंदरराज रेड्डियार ने कल्लाकुरिची में एक कताई मिल खोली और अच्छा पैसा कमाया। बाद में सुंदरराज ने इन दोनों को छोड़ दिया। कुछ समय बाद सुगन्या ने भी सेय्यादुरई को छोड़ दिया। सेय्यादुरई ने इसके बाद अकेले दो सड़क परियोनाओं का ठेके लिया। नागराजन ने इस दौरान इंजीनियरिंग की डिग्री हासिल करने के बाद अपने पिता के कारोबार में भी काम किया। सेय्यादुरई में रहने वाले एक माफिया पोट्टू सुरेश से अच्छे संबंध थे, जो डीएमके के वरिष्ठ नेता अड़ागिरी से संबंध बनाया। इस तरह, डीएमके सरकार में सेय्यादुरई को नौकरी मिलने लगी।
पोट्टू सुरेश के निधन के बाद सेय्यादुरई ने एआईएडीएमके नेताओं से करीबी संबंध बनाए. छापेमारी में वहां से 163 करोड़ रुपये कैश और 100 किलो सोना बरामद हुआ। उस समय नागराजन ने कारोबार चलाया। उन्हें सत्ताधारी पार्टी के लोगों से नजदीकी थी। उनका कारोबार तेजी से बढ़ने लगा, क्योंकि वे राज्य के एक वरिष्ठ मंत्री के बेटे से संबंध रखते थे। राज्य के सचिवालय में अक्सर आना-जाना शुरू हो गया और राजनीतिक गलियारों में पैठ बन गया। तीन कंपिनयों में वर्तमान में नागराजन एसपीके स्पिनर्स प्राइवेट लिमिटेड, श्रीबालाजी टोलवेज और एसपीकेएंडको एक्सप्रेसवे डॉयरेक्टर हैं। पीके समूह ने पिछले साल अरबों के टेंडर प्राप्त किए। DMK ने इसके बाद इन ठेकों में भ्रष्टाचार की शिकायतों को सर्तकता और भ्रष्टाचार रोधी निदेशालय में भेजा। बाद में नागराजन यहाँ छापा पड़ा था। जब छापे के बाद आयकर विभाग ने बताया कि नागराजन के घर में सिर्फ 24 लाख रुपये थे, लेकिन उसने अपने कर्मचारियों और सहयोगियों को दस स्थानों पर करोड़ों रुपये और सोना छुपाए थे। अपने एक दोस्त के घर दो बीएमडब्यू कारें रख दी थीं। कुल मिलाकर, सभी स्थानों पर छापे के दौरान 163 करोड़ कैश और 100 किलो सोना बरामद हुआ। विभाग ने भी बहुत से कम्प्यूटर, हार्डवेयर और दस्तावेज बरामद किए हैं।