विश्वस्तरीय बनेंगे बेगूसराय के दो रेलवे स्टेशन

बेगूसराय, बिहार की औद्योगिक राजधानी बेगूसराय को राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय पहचान दिलाने में जुटी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार ने एक बार फिर से बड़ा तोहफा दिया है। यहां के दो रेलवे स्टेशन जिला मुख्यालय के बेगूसराय और बरौनी जंक्शन पर यात्रियों को विश्वस्तरीय सुविधा मिलेगी।

रेलवे की इन तमाम सुविधाओं और आधारभूत संरचना से लगेगा कि यात्री रेलवे स्टेशन नहीं, एयरपोर्ट पर हैं। बेगूसराय संभवतः देश का एकलौता जिला है, जहां दो स्टेशनों को विकसित कर विश्वस्तरीय सुविधा उपलब्ध कराने के लिए चयनित किया गया है।

इन स्टेशनों पर वर्ष 2005 के व्यस्त समय की अनुमानित यात्री संख्या को आधार मानते हुए उसी के अनुसार यात्री सुविधाओं के पुनर्विकास की योजना बनाई गई है। रेल भूमि विकास प्राधिकरण द्वारा स्टेशन के पुनर्विकास से जुड़े ये कार्य पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप (पीपीपी) मोड पर किए जाएंगे। रेल मंत्रालय यात्रियों की सुविधाओं को लेकर तमाम विकास कार्यों को लेकर मिशन मोड में काम कर रहा है। इसी कड़ी में रेलवे स्टेशनों को एयरपोर्ट जैसी सुविधा युक्त बनाए जाने की प्रक्रिया शुरू की गई है। स्टेशन पुनर्विकास परियोजना का कार्य पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप परियोजना के तहत निजी क्षेत्र की भागीदारी के साथ किया जा रहा है। इसी कड़ी में पूर्व मध्य रेल द्वारा दस रेलवे स्टेशनों को वर्ल्ड क्लास के रूप में विकसित किया जाना है, जिनमें बेगूसराय एवं बरौनी को शामिल किया गया है। स्टेशन पुनर्विकास परियोजना का मुख्य उद्देश्य यात्रियों को संरक्षा, सुरक्षा, बेहतर एवं सुखद यात्रा अनुभव तथा विश्वस्तरीय यात्री सुविधाएं प्रदान करना है। स्टेशन को विश्वस्तरीय एवं अत्याधुनिक सुविधा से सुसज्जित करते हुए ग्रीन बिल्डिंग का रूप दिया जाएगा।

रेलवे की जमीन पर मॉल और बहुउद्देशीय भवन का निर्माण होगा। यह विकास सौर ऊर्जा, ऊर्जा दक्षता उपकरण और हरित इमारत मानकों के अनुसार किया जाएगा। स्टेशन पर आगमन एवं प्रस्थान के लिए प्रवेश और निकास द्वार ऐसे बनाए जाएंगे कि यात्रियों को भीड़भाड़ का सामना नहीं करना पड़े। एक्सेस कंट्रोल गेट एवं प्रत्येक प्लेटफार्म पर एस्केलेटर तथा लिफ्ट लगाए जाएंगे, जिससे एक से दूसरे प्लेटफार्म पर आने-जाने में सुविधा हो। स्टेशन पर आवश्यक सुविधाओं के साथ खान-पान, वॉशरूम, पीने का पानी, एटीएम, इंटरनेट आदि होंगे। वरिष्ठ नागरिक और दिव्यांगजनों को विशेष सुविधा देने का हर उपाय किया जाएगा। उन्नत यात्री सुविधा, पार्किंग एरिया का निर्माण, अंडरग्राउंड या मल्टीस्टोरी पार्किंग का निर्माण होगा। स्टेशन के आस-पास की सड़कों को बेहतर बनाया जाएगाा, जिससे यात्रियों को परेशानी नहीं हो। सर्कुलेटिंग एरिया को सुरक्षित जोन के रूप में विकसित करते हुए सौंदर्यीकरण भी उन्नत तरीके का होगा। उल्लेखनीय है कि आजादी के बाद बिहार के प्रथम मुख्यमंत्री डॉ. श्रीकृष्ण सिंह के प्रयास से बेगूसराय बिहार के औद्योगिक राजधानी के रूप में परिणत कर दिया गया था। यहां खाद कारखाना, रिफाइनरी, थर्मल, डेयरी के अलावे दो-दो एनएच बनाये गये। इसके अलावा 50 से अधिक कारखाने खुले, लेकिन बाद के दिनों में धीरे-धीरे सब कुछ समाप्त होता चला गया। एशिया का सबसे बड़ा रेलवे यार्ड गढ़हरा भी समाप्त हो गया। वर्ष 2014 में नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार बनने के बाद तत्कालीन सांसद डॉ. भोला सिंह ने यहां के विकास की कोशिश करनी तेज कर दी। डॉ. भोला सिंह के प्रयास से प्रधानमंत्री की नजर पड़ने के बाद बेगूसराय एक बार फिर अपने पुराने रूप में लौटने लगा। बंद हो चुके खाद कारखाने का पुनर्निर्माण किया जा रहा है, रिफाइनरी का विस्तारीकरण करने के साथ-साथ पेट्रोकेमिकल की शुरुआत हो रही है। ठप हो चुके थर्मल को एनटीपीसी के हवाले कर पुनर्जीवित कर दिया गया है। एनएच को फोरलेन किया जा रहा है। गंगा नदी पर सिमरिया में सिक्स लेन सड़क और डबल लाइन रेलवे पुल बन रहा है। साहेबपुर कमाल और मुंगेर के बीच बने पुल पर रेल परिचालन के बाद सड़क पुल का काम युद्ध पर चल रहा है। मटिहानी-शाम्हो के बीच गंगा नदी पर नया पुल बनाने की प्रक्रिया तेजी से जारी है। बंद हो चुके गढ़हरा यार्ड में आधुनिक लोको शेड बनाया गया है। केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री और स्थानीय सांसद गिरिराज सिंह तथा राज्यसभा सदस्य प्रो. राकेश सिन्हा का प्रयास यहां के विकास को नई गति दे रहा है।

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