भारत में विकसित कर लिए हैं स्वदेशी तकनीक के अचूक अस्त्र, सेना प्रमुख का खुलासा
सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत (General Bipin Rawat) ने सशस्त्र बलों (Armed Forces) में स्वदेशी तकनीक को शामिल करने की वकालत की | साथ ही कहा कि भारत अगला युद्ध देश में ही विकसित हथियारों के साथ लड़ेगा और जीतेगा | जनरल रावत ने 41वें डीआरडीओ (DRDO) निदेशक सम्मेलन में कहा कि हथियारों (Weapons) और अन्य रक्षा प्रणालियों (Defence Systems) का विकास भविष्य के युद्धों को ध्यान में रखकर होना चाहिए |
जनरल रावत ने कहा, ‘यह जरूरी नहीं है कि भविष्य में युद्ध आमने-सामने लड़े जाएं | हमें साइबर, अंतरिक्ष, लेजर, इलेक्ट्रॉनिक युद्ध और रोबोटिक्स के विकास के साथ ही आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (AI) पर भी काम करना होगा | अगर हम इस बारे में नहीं सोचते हैं तो बहुत देर हो जाएगी |’ उन्होंने पिछले कुछ दशक में रक्षा अनुसंधान व विकास संगठन (DRDO) की उपलब्धियों की तारीफ की | उन्होंने कहा कि भारत अनुसंधान और विकास के क्षेत्र में नए कीर्तिमान गढ़ रहा है | हमें विश्वास है कि सेनाओं को इससे बहुत फायदा मिलेगा |
सेना प्रमुख रावत ने कहा कि भारत हथियारों और गोला-बारूद के सबसे बड़े आयातकों (Importer) में एक है | आजादी के 70 साल बाद भी भारत का हथियारों का सबसे बड़ा आयातक होना कोई गौरव की बात नहीं है | हालांकि, पिछले कुछ वर्षों में यह स्थिति बदल रही है | डीआरडीओ सेनाओं की जरूरतों को स्वदेशी हथियारों (Indigenous Weapons) के जरिये पूरा करने की हरसंभव कोशिश कर रहा है | डीआरडीओ भवन में आयोजित दो दिवसीय उद्घाटन सत्र में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) विशिष्ट अतिथि के तौर पर मौजूद थे | राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजीत डोभाल, वायुसेना (Air force) प्रमुख एयर चीफ मार्शल आरकेएस भदौरिया, नौसेना (Navy) प्रमुख एडमिरल करमबीर सिंह और डीआरडीओ प्रमुख जी. सतीश रेड्डी भी मौजूद थे |
रक्षा मंत्री (Defence Minister) ने शुरूआत में डीआरडीओ परिसर में स्थित पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम (APJ Abdul Kalam) की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उन्हें श्रद्धांजलि दी | कलाम की 88वीं जयंती पर सिंह ने कहा कि हम उनके जीवन से प्रेरणा लें और भारत को वैज्ञानिक उपलब्धियों के जरिये विकसित देश बनाने के उनके सपने को पूरा करें | उन्होंने दुनिया को बदलने वाली विनाशकारी तकनीकों के पहलुओं पर जोर देते हुए कहा कि भारत को नेतृत्व की भूमिका में उभरना होगा | सिंह ने देश को पूरी तरह आत्मनिर्भर बनाने के लिए स्वदेशी प्रणाली पर काम करने की वकालत की. डोभाल ने कहा कि मजबूत और सुरक्षित भारत बनाने के लिए डीआरडीओ की भूमिका बहुत अहम होगी |