गंगा नदी किसानों पर कहर बनकर टूटी, जाने क्या हुआ
फर्रुखाबाद- अभी तक जहां किसानों को कोविड -19 के लॉकडाउन ने बर्बादी की कगार पहुंचाया वहीं अब जीवनदायिनी गंगा नदी गंगा किनारे बसे ग्रामों के निवासियों पर कहर बनकर टूटी है। जहां कोविड-19 ने गंगा किनारे रहने वाले किसानों को भूखा रहने को मजबूर किया वहीं अब गंगा नदी इन किसानों के खेत मकान सहित आस्था के प्रतीक मंदिर तक को बहा ले गई है। यदि बात करें कमालगंज ब्लॉक के ग्राम नथुआपुर की ग्राम कल्लू नगला के किसानों को गंगा ने खेत विहीन व मकान विहीन बनाकर सड़क पर ला खड़ा किया है याब न इन किसानों के पास रहने को घर बचा है और न खाने को अनाज और इस कटान से बच गए इनके जानवरों के लिये चारा। अभी तक ज़िला प्रशासन की ओर से भी इन उजड़े किसानों की किसी ने सुध नहीं ली है। कई सालों से चलने वाले किसानों ने गंगा के कटान के बारे में लेखपाल से लेकर तहसीलदार, SDM व ज़िलाधिकारी सहित सभी अधिकारियों को अवगत करा चुके हैं किंतु परिणाम वही ढाक के तीन पात। पिछले सालों में जहां कटान थोड़ा थोड़ा होता रहा है वहीं इस बार कटान काफी तेजी से हो रहा है। इस बार किसानों के खेत व मकान गंगा में समाए हैं। इस के साथ साथ गांव का प्राचीन शिव मंदिर को भी गंगा नदी ने नहीं छोड़ा और मंदिर को बहाकर इस नदी ने अपने तेवर दिख दिए हैं। अब गंगा किनारे बसे इन ग्रामों को ज़िला प्रशसन विशेषकर ज़िलाधिकारी मानवेन्द्र सिंह से मदद की आशा है।