आज का इतिहास:152 साल पहले अहिंसा का महत्व समझाने वाले गांधी का जन्म हुआ
14 साल से पूरी दुनिया आज मनाती है अंतरराष्ट्रीय अहिंसा दिवस
आज अहिंसा के प्रतीक और दुनियाभर में बापू नाम से पुकारे जाने वाले महात्मा गांधी का जन्मदिन है। उनका पूरा नाम मोहनदास करमचंद गांधी था। पोरबंदर के दीवान करमचंद गांधी और उनकी चौथी पत्नी पुतलीबाई का बेटा ही आगे चलकर महात्मा गांधी बना।
उनकी मां एक धार्मिक महिला थीं, जो नियमित पूजा-पाठ किया करती थीं, मंदिर जाती थीं और उपवास भी रखा करती थीं। महात्मा गांधी ने अपनी आत्मकथा ‘सत्य के साथ मेरे प्रयोग’ में बताया कि बचपन में मां के धार्मिक होने का उन पर गहरा असर पड़ा। शुरुआती पढ़ाई पोरबंदर में हुई और फिर राजकोट में। 1883 में 13 साल की उम्र में कस्तूरबा से शादी हो गई, जो उस वक्त उनसे 1 साल बड़ी थीं।
कस्तूरबा गांधी के साथ महात्मा गांधी।
‘सत्य के प्रयोग’ में गांधी जी ने बताया है कि शराब पीने और मांसाहार खाने जैसी कई गलतियां उन्होंने युवावस्था में की, जिनका आगे चलकर उन्हें पछतावा भी हुआ। इसी तरह एक रात गांधी जी अपने पिता को छोड़कर अपनी पत्नी के पास चले गए और उसी वक्त उनके पिता का निधन हो गया। गांधी जी को इस बात का भी बेहद अफसोस था।
1888 में गांधी जी वकालत पढ़ने इंग्लैंड गए। हालांकि लंदन में उन्होंने वे गलतियां नहीं दोहराईं जिनकी वजह से उन्हें पश्चाताप करना पड़ा था। वे शराब और मांसाहार से पूरी तरह दूर रहे। पढ़ाई पूरी करने के बाद बम्बई में वकालत शुरू की, लेकिन अपना पहला मुकदमा ही हार गए।
दक्षिण अफ्रीका में गांधी जी।
इसी दौरान 1893 में गुजराती व्यापारी शेख अब्दुल्ला के बुलावे पर दक्षिण अफ्रीका गए और वहीं के हो गए। वे डरबन से प्रिटोरिया जा रहे थे, तब फर्स्ट क्लास का टिकट होने के बावजूद एक गोरे ने उन्हें रात को ट्रेन से उतार दिया। स्टेशन पर रात बितानी पड़ी। इसने उन्हें भारतीयों के साथ हो रहे भेदभाव के खिलाफ आवाज उठाने की प्रेरणा दी और दक्षिण अफ्रीका में इंडियन कांग्रेस की स्थापना की।
उन्होंने प्रवासी भारतीयों के अधिकारों और रंगभेद नीति के खिलाफ सफल आंदोलन किए। इस वजह से उन्हें कुछ समय जेल में भी रहना पड़ा। अब तक उनकी प्रसिद्धी भारत पहुंच चुकी थी। 1915 में जब भारत लौटे, तो बम्बई में स्वागत करने कई कांग्रेसी नेता पहुंचे थे। गोपालकृष्ण गोखले भी इनमें से एक थे, जिन्हें गांधीजी का राजनीतिक गुरु भी कहा जाता है। गोखले की सलाह पर ही गांधीजी ने देश का भ्रमण किया। इस भारत यात्रा के दौरान गांधी ने अपने देश की गरीबी और आबादी को देखा तो उन्हें गहरा सदमा लगा। 1917 में चंपारन से नील आंदोलन की शुरुआत की और सफलता मिली। इसने गांधीजी की लोकप्रियता कई गुना बढ़ा दी। 1918 में उन्होंने खेड़ा (गुजरात) आंदोलन का नेतृत्व किया।
गांधी जी के सिरहाने बैठी छोटी लड़की इंदिरा गांधी हैं, जो आगे चलकर भारत की पहली महिला प्रधानमंत्री बनीं।
बाल गंगाधर तिलक के निधन के बाद गांधी कांग्रेस के बड़े नेता माने जाते थे। 1919 के जलियांवाला बाग हत्याकांड के बाद उन्होंने अंग्रेजों से मिले सभी पुरस्कार लौटा दिए। रौलेट एक्ट के खिलाफ सविनय अवज्ञा आंदोलन शुरू किया। 1930 में गांधीजी ने दांडी मार्च किया। नमक सत्याग्रह नाम से मशहूर महात्मा गांधी की 200 मील लंबी यात्रा में उन्होंने ब्रिटिश कानून को तोड़ा।
दांडी मार्च के दौरान गांधी जी।
राजनीति से दूर होने के बाद भी वे 1942 में अंग्रेजों के खिलाफ भारत छोड़ो आंदोलन में शामिल हुए। इस दौरान आजाद हिंद फौज की सक्रियता, नौसेना विद्रोह और दूसरे विश्वयुद्ध से बने हालात को देखते हुए अंग्रेजों ने भारत छोड़ने का मन बना लिया था। इस बीच, 15 अगस्त 1947 को हिंदुस्तान आजाद हो गया। हालांकि, बंटवारा हुआ और भारत-पाकिस्तान दो देश बने। बंटवारे के लिए एक तबका गांधी जी को दोषी समझता था। इसमें से एक कट्टरपंथी नाथूराम गोडसे ने 30 जनवरी 1948 को महात्मा गांधी की गोली मारकर हत्या कर दी।
महात्मा गांधी के विचारों में सबसे ताकतवर था अहिंसा का विचार। जिसे दुनिया के कई देशों में क्रांति और विरोध का हथियार बनाया गया। 15 जून 2007 को संयुक्त राष्ट्र की महासभा ने प्रस्ताव पारित कर 2 अक्टूबर को अंतरराष्ट्रीय अहिंसा दिवस के तौर पर मनाने का फैसला किया और यह सिलसिला आज भी जारी है। गांधी का पढ़ाया गया अहिंसा का पाठ आज भी पूरी दुनिया में सम्मान के साथ याद किया जाता है।
2 अक्टूबर के दिन को इतिहास में इन घटनाओं की वजह से भी याद किया जाता है…
2012: नाइजीरिया में बंदूकधारियों ने 20 छात्रों की हत्या कर दी।
2007: उत्तर कोरिया और दक्षिण अफ्रीका के बीच दूसरी शिखर बैठक सम्पन्न हुई।
2006: दक्षिण अफ्रीका ने परमाणु ईंधन आपूर्ति मामले पर भारत को समर्थन देने का फैसला किया।
2004: संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने कांगों में 5,900 सैनिक भेजने का प्रस्ताव मंजूर किया।
2001: 19 देशों के संगठन नाटो ने अफगानिस्तान पर हमले के लिए हरी झंडी दी।
1989: तमिलनाडु में मंडपम और पम्बन के बीच समुद्र के ऊपर सबसे लंबा पुल खुला।
1985: दहेज निषेधाज्ञा संशोधन कानून अस्तित्व में आया।
1982: ईरान की राजधानी तेहरान में बम विस्फोट हुआ। 60 मरे, 700 घायल।
1961: बम्बई (अब मुंबई) में शिपिंग कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया का गठन हुआ।
1952: भारत में सामुदायिक विकास कार्यक्रम की शुरूआत हुई।
1904: भारत के दूसरे प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री का जन्म हुआ।