सचिन पायलट के अनशन से गांधी परिवार नाराज, जानिए पूरी वजह
राजस्थान के पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट के अनशन को लेकर राजस्थान के प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे को बुधवार (12 अप्रैल) को रिपोर्ट सौंपी. रंधावा करीब आधे घंटे तक खरगे के आवास पर रहे. मंगलवार को हुए अनशन से ठीक एक दिन पहले सोमवार को रंधावा ने पायलट के कदम को पार्टी विरोधी बताया था.
दिल्ली में पायलट
इसी बीच पायलट भी दिल्ली पहुंचे हैं. न्यूज़ एजेंसी पीटीआई ने पायलट के करीबी सूत्रों का हवाला देते हुए कहा कि फिलहाल पार्टी नेतृत्व के साथ उनकी मुलाकात का कोई कार्यक्रम तय नहीं है.
गांधी परिवार नाराज
सूत्रों ने बताया कि सचिन पायलट के अनशन से गांधी परिवार नाराज है. सूत्रों ने यह भी बताया कि उनकी प्रियंका गांधी से फोन पर कोई बात नहीं हुई है. सूत्रों ने कहा कि पायलट के धरने को लेकर खरगे ने राहुल गांधी से भी चर्चा की है. वो सोनिया गांधी से भी बात करेंगे और फिर इस पूरे मामले पर फैसला होगा.
अशोक गहलोत ने क्या कहा?
पायलट के भ्रष्टाचार को लेकर कार्रवाई नहीं करने के आरोप पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि राजस्थान में एंटी करप्शन विभाग ने जितने छापे किए उतने तो पूरे देश में नहीं हुए. कितने आईपीएस और आईएएस पर भ्रष्टाचार को लेकर रेड की गई. गहलोत ने आगे कहा कि हमारा लक्ष्य महंगाई कम करना है. इसके अलावा हमारा और किसी चीज़ पर ध्यान नहीं जाता और न जाएगा.
मामला क्या है?
पायलट ने राजस्थान में वसुंधरा राजे के नेतृत्व वाली बीजेपी की पूर्ववर्ती सरकार में हुए कथित भ्रष्टाचार के मामलों में कार्रवाई की मांग को लेकर मंगलवार को जयपुर में एक दिन का अनशन किया था. उन्होंने इस दौरान कहा था कि हम पिछले चुनाव में जनता से वादा करके आए थे कि भ्रष्टाचार को लेकर कार्रवाई करेंगे लेकिन कुछ नहीं हुआ. इस पर मैंने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को दो बार लेटर लिखा लेकिन उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया. ना ही कोई कार्रवाई की. बता दें कि पायलट और गहलोत के बीच लंबे समय से विवाद चल रहा है.
पीएम मोदी का तंज
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को राजस्थान को वंदे भारत ट्रेन की सौगात दिया. इस मौके पर उन्होंने राजस्थान में कांग्रेस संकट को लेकर चुटकी ली. उन्होंने कहा, “और गहलोत जी का मैं विशेष रूप से आभार व्यक्त करता हूं कि इन दिनों वे राजनीतिक आपाधापी में हैं. वह अनेक संकटों से गुजर रहे हैं. बावजूद इसके, वह विकास के काम के लिए समय निकालकर आए, रेलवे के कार्यक्रम में हिस्सा लिया. मैं उनका स्वागत भी करता हूं, अभिनंदन भी करता हूं.”
सुखजिंदर सिंह रंधावा ने क्या कहा था?
रंधावा ने बताया था कि उन्होंने पायलट से निजी तौर पर बात कर कहा था कि वो अनशन नहीं करें. वो अपनी बात पार्टी मंच पर रखें लेकिन वो नहीं माने. उन्होंने पायलट के अनशन को पार्टी विरोधी कार्रवाई बताया था. इस पर पायलट ने जवाब देते हुए कहा था कि उन्हें कुछ ही दिन पहले पद मिला और उनसे पहले जो यहां तो उनको बताया गया था लेकिन कुछ नहीं हुआ. उन्होंने आगे कहा था कि पार्टी से जुड़ी बात होती तो वो जरूर संगठन में अपनी बात रखते.