अखिलेश और शिवपाल के नए, समीकरण से बीजेपी में बौखलाहट..
उत्तर प्रदेश –हाल ही के दिनों में शिवपाल यादव को पार्टी का राष्ट्रीय महासचिव बनाया गया है। लगातार अखिलेश यादव और शिवपाल यादव की नजदीकियां बढ़ती जा रही हैं। ऐसे चाचाऔर भतीजा का समीकरण अब यूपी की सरकार को खटक भी रहा है। लेकिन परिवार और खून के रिश्ते तो मिल ही जाते हैं ।वहीं अखिलेश यादव हर मौके पर शिवपाल यादव से विचार विमर्श नजर आ रहे हैं।
यही नहीं अखिलेश चाचा से सलाह लेते भी नजर आ रहे हैं। मैनपुरी उपचुनाव में डिंपल यादव की जीत के बाद समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव और उनके शिवपाल सिंह यादव के बीच पारिवारिक नजदीकियां बढ़ गई थीं। इसके बाद शिवपाल ने अपनी पार्टी का विलय सपा में कर लिया था फिर बाद में अखिलेश ने अपने चाचा को पार्टी में राष्ट्रीय महासचिव के पद की जिम्मेदारी दी।
इन सभी जिम्मेदारियों के बाद अब चाचा और भतीजे की जोड़ी यूपी में नए समीकरणों को बैठाना शुरू कर दिया है ।जिसकी वजह से भाजपा खेमे में हलचल मची हुई है ।क्योंकि जिस तरीके से अखिलेश और शिवलाल उत्तर प्रदेश के अलग-अलग जनपदों में अपने कार्यक्रम आयोजित कर रहे हैं। उससे बीजेपी का घबराना लाज़मी है। लेकिन इसके पीछे एक छाप और भी है कि ,समाजवादी पार्टी रामचरितमानस के मुद्दे को जनता के बीच किस तरह से प्रस्तुत कर दलित पिछड़ा और आदिवासियों को जोड़कर यूपी की नई गणित को कितनी मजबूती दे पाएंगे ।ये तो आने वाला वक्त ही तय करेगे। लिहाजा जिस तरीके से सोशल मीडिया में अखिलेश यादव और शिवपाल यादव आपस में गुप्तगू करते नजर आ रहे हैं। इस गुप्त गू के पीछे कई राजनीतिक मायने जरूर हैं ।इसी वजह से भारतीय जनता पार्टी के खेमे में अब हलचल मची हुई है।