अलकायदा आतंकियों के लिए कानपुर के बिल्डर के खाते में हुई थी फंडिंग

कानपुर,  उप्र की राजधानी लखनऊ में पकड़े गए अलकायदा के अंसार गजवातुल आतंकी संगठन से जुड़े आतंकी मिनहाज अहमद और मसीरुद्दीन बीते साल कानपुर आए थे। यहां पर दोनों करीब एक माह रहकर अलग-अलग लोगों से मुलाकात और आतंकी साजिश की योजना बनाई। आतंकियों से मिलने के चलते सोमवार को भी जनपद के एक बिल्डर और प्रोफेसर सहित पांच लोगों को पूछताछ के लिए एटीएस ने उठाया है। एटीएस आतंकी साजिश रचने वाले सहयोगियों व शह देने वालों की धरपकड़ के लिए शहर में डेरा डाले हुए है।

प्रदेश में आतंकी साजिश रच रहे दो आतंकियों मिनहाज अहमद और मसीरुद्दीन को 11 जून को लखनऊ के काकोरी इलाके से उप्र एंटी टेररिस्ट स्क्वाड (एटीएस) ने पकड़ा था। दोनों से पूछताछ में आतंकी साजिश में सहयोग करने वालों का ठिकाना कानपुर में मिला था। आतंकी गतिविधियों में लिप्त कई लोगों के कानपुर में होने की सूचना पर एटीएस के साथ एलआईयू व खुफिया एजेंसियां सक्रिय हो गई। एटीएस की टीमों ने शहर के संवेदनशील व आतंकियों के छिपने के लिए मुफीद बन चुके चकेरी के जाजमऊ सहित बेकनगंज, चमनगंज, अनवरगंज, कर्नलगंज आदि क्षेत्रों में ताबड़तोड़ छापेमारी की।

इस दौरान रविवार को दो लोगों को पूछताछ के लिए उठाया गया जबकि सोमवार को पांच लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ की गई। इनमें चमनगंज क्षेत्र के एक हिस्ट्रीशीटर बदमाश और उसके दो साथी शामिल हैं। इन लोगों पर आतंकियों को असलहे व बारूद उपलब्ध कराने का शक है।

बिल्डर से आतंकी फंडिंग के शक में हो रही पूछताछ

एटीएस ने सोमवार को चमनगंज के अवैध इमारतों के लिए चर्चित एक बिल्डर को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया। सूत्रों से पता चला है कि बिल्डर के करीब 13 बैंक खातों में विदेशों से काफी पैसा जमा कराया गया है। यह फंडिंग आतंकी साजिश को अंजाम दिए जाने के लिए की जा रही थी। एटीएस बिल्डर को अज्ञात जगह पर ले जाकर उसके खातों में विदेश से आई रकम के बारे में पूछताछ कर रही है। इसके साथ ही एक प्रोफेसर व तीन अन्य लोगों को भी हिरासत में लिया गया जिनसे पूछताछ की गई है। प्रोफेसर से विश्वविद्यालय के गेस्ट हाउस में करीब एक घंटे पूछताछ की गई और बाद में छोड़ दिया गया है।

कानपुर में एक माह रूके थे दोनों आंतकी

लखनऊ में पकड़े गए मिनहाज अहमद और मसीरुद्दीन पिछले वर्ष के आखिरी महीने में शहर आए। इस दौरान दोनों ने करीब एक महीने तक रुके और कानपुर के कई मदरसों में भी गए थे। शहर में ही रुकने के दौरान ही दोनों आतंकियों ने प्रदेश को दहलाने की पूरी साजिश रची थी। योजना के तहत मई माह में ब्लास्ट की साजिश को अंजाम दिया जाना था लेकिन लॉकडाउन के चलते प्लान आतंकियों को टालना पड़ा।

पुलिस की संदिग्धों पर पैनी नजर

आतंकी कनेक्शन मिलने के बाद से कानपुर में हाई अलर्ट है। पुलिस आयुक्त असीम अरुण ने जिले की पुलिस को मुस्तैदी से आतंकी साजिश रचने वालों संदिग्धों पर नजर रखने के निर्देश दिए है। साथ ही एलआईयू व खुफिया एजेंसियां भी सक्रियता से संवेदनशील इलाकों में आने-जाने वालों समेत हाल में आए बाहरियों के बारे में जानकारी जुटाने व निगरानी कर रहे हैं। शहर के बड़े अपराधियों पर भी पैनी नजर रखी जा रही है ताकि पता लगाया जा सके कि कहीं वह लोग आतंकियों के सम्पर्क में आकर असलहे, बम आदि तो नहीं मुहैया करा रहे हैं। रेलवे स्टेशन, बस अड्डे, मंदिरों व भीड़-भाड़ वाले इलाकों में सादी वर्दी में भी पुलिस व खुफिया को निगरानी में लगाया गया है। बाहर से आने वाले वाहनों की चेकिंग व तलाशी भी लिए जाने के निर्देश पुलिस आयुक्त ने मातहतों को दिए हैं।

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