500 कर्मचारी एक झटके में बने करोड़पति:फ्रेशवर्क्स की अमेरिकी शेयर बाजार में हुई लिस्टिंग,
76% कर्मचारियों के पास हैं कंपनी के शेयर्स
बिजनेस सॉफ्टवेयर बनाने वाली भारतीय कंपनी फ्रेशवर्क्स के 500 कर्मचारी एक झटके में करोड़पति बन गए हैं। फ्रेशवर्क्स के शेयर्स की अमेरिकी शेयर बाजार नैस्डैक पर लिस्टिंग हुई। इससे कर्मचारियों को मिले शेयर्स की कीमतें अचानक बढ़ गईं। कंपनी ने IPO से 1.03 अरब डॉलर की रकम जुटाई है। कंपनी तमिलनाडु के छोटे से शहर त्रिची में 700 वर्ग फुट के गोदाम से शुरू हुई। अब इसके ऑफिस भारत के चेन्नई और अमेरिका के कैलिफॉर्निया में हैं।
36 डॉलर पर हुई शेयर्स की लिस्टिंग
फ्रेशवर्क्स की लिस्टिंग बुधवार को नैस्डैक पर 36 डॉलर प्रति शेयर के मूल्य पर हुई। इसके बाद यह शेयर 25% की बढ़त के साथ 48 डॉलर के भाव पर पहुंच गया। इससे कंपनी का मार्केट कैप 13 अरब डॉलर हो गया, जिससे कर्मचारियों को मिले शेयर्स की कीमतें भी बढ़ गईं। कंपनी ने IPO में 2.85 करोड़ शेयर्स बेचे थे। एक शेयर की कीमत 36 डॉलर तय की गई थी।
निवेशकों को मिला है फायदा
कंपनी के CEO गिरीश मात्रुबुथम ने कहा कि इस लिस्टिंग से कंपनी के निवेशक एक्सेल और सिकोइया को काफी फायदा मिला है। इसके साथ ही कंपनी के करीब 500 कर्मचारी करोड़पति बन गए हैं। उन्होंने कहा कि कंपनी के कर्मचारी और निवेशकों ने हमारे ऊपर भरोसा किया, जिसका फायदा उन्हें अब मिला है। अब पब्लिक इन्वेस्टर्स के प्रति मेरी नई जिम्मेदारी है, क्योंकि इन लोगों ने कंपनी की भविष्य की संभावना में निवेश किया है। उन्होंने कहा कि मैं इस समय ऐसा महसूस कर रहा हूं, जैसे कोई भारतीय ओलंपिक में गोल्ड मेडल जीतने के समय महसूस करता है।
फ्रेशवर्क्स, इंफोसिस, विप्रो, HDFC बैंक, डॉ. रेड्डीज लैब जैसी कंपनियों की लिस्ट में शामिल हो गई है। यह सभी अमेरिका के नैस्डैक एक्सचेंज पर लिस्टेड हैं। सबसे पहले इन्फोसिस 1999 में नैस्डैक एक्सचेंज पर लिस्ट हुई थी।
76% कर्मचारियों के पास शेयर्स हैं
कंपनी के 76% कर्मचारियों के पास शेयर्स हैं। 76% का मतलब 4,300 कर्मचारियों के पास शेयर्स हैं। जो 500 कर्मचारी करोड़पति बने हैं, उसमें से 70 कर्मचारियों की उम्र 30 साल से कम है। ये कर्मचारी कुछ साल पहले ही कॉलेज से डिग्री हासिल करने के बाद कंपनी से जुड़ गए थे। कंपनी ने नवंबर 2019 में 3.5 अरब डॉलर के वैल्यू पर सिकोइया और एक्सेल जैसे निवेशकों से 15.4 करोड़ डॉलर की रकम जुटाई थी।
अमेरिका में लिस्ट होने वाली पहली भारतीय सॉफ्टवेयर प्रोडक्ट फर्म है
फ्रेशवर्क्स पहली भारतीय सॉफ्टवेयर प्रोडक्ट फर्म है जो अमेरिकी नैस्डैक शेयर बाजार पर लिस्ट हुई है। कंपनी IPO से जुटाई गई रकम का उपयोग वर्किंग कैपिटल, ऑपरेटिंग खर्च और अन्य खर्च के लिए करेगी। कंपनी कुछ रकम का उपयोग दूसरी कंपनी के अधिग्रहण पर भी करेगी।
2010 में कंपनी की हुई थी शुरुआत
फ्रेशवर्क्स की स्थापना चेन्नई में 2010 में हुई थी। इसका पहले नाम फ्रेशडेस्क था। 2017 में इसका नाम फ्रेशवर्क्स कर दिया गया। इसके पास 52,500 से ज्यादा ग्राहक हैं। इस कंपनी की लिस्टिंग के बाद से इस तरह की कई कंपनियां अब लिस्टिंग के लिए विदेशी बाजारों में जा सकती हैं।