पूर्व सांसद संतोष भारतीय ने चिंता जताई :Railway में Adani IN , गरीब OUT!
पूर्व सांसद संतोष भारतीय ने भी चिंता जताई है। उन्होंने कहा, “रेलवे भारतीय जनता की जीवन रेखा है, और विशेषकर जनरल डब्बे गरीब और मध्यम वर्ग के लोगों के लिए हैं, जिनके पास सीमित संसाधन हैं।
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इस मामले पर वरिष्ठ पत्रकार और पूर्व सांसद संतोष भारतीय ने भी चिंता जताई है। उन्होंने कहा, “रेलवे भारतीय जनता की जीवन रेखा है, और विशेषकर जनरल डब्बे गरीब और मध्यम वर्ग के लोगों के लिए हैं, जिनके पास सीमित संसाधन हैं। अगर जनरल डब्बों की संख्या कम की जाती है और किराया बढ़ाया जाता है, तो यह समाज के बड़े वर्ग के लिए अत्यंत नुकसानदेह होगा। यह केवल आर्थिक नहीं, बल्कि सामाजिक असमानता को भी बढ़ावा देगा। रेलवे का व्यवसायिकरण आम आदमी को यात्रा के मूलभूत अधिकार से वंचित करने जैसा है।”
पूर्व सांसद संतोष भारतीय ने चिंता जताई :Railway में Adani IN , गरीब OUT!
उन्होंने आगे कहा, “हमारे देश में रेलवे केवल एक यातायात का साधन नहीं है, यह लोगों को जोड़ता है और उन्हें अवसर प्रदान करता है। आदानी ग्रुप द्वारा रेलवे के टेकोवर के बाद यदि ऐसी नीतियां लागू की जाती हैं, तो इससे रोजगार, शिक्षा और कई अन्य क्षेत्रों पर गहरा असर पड़ेगा। सरकार को चाहिए कि वह आम जनता के हितों की रक्षा के लिए ठोस कदम उठाए।”
संतोष भारतीय ने सरकार से अपील की कि वह इस मामले पर गहनता से विचार करे और सुनिश्चित करे कि रेलवे की सेवाएं सभी वर्गों तक समान रूप से पहुंच सकें।
जनरल डब्बों की संख्या में कटौती का असर
आदानी ग्रुप ने रेलवे के कई सेक्शनों में ट्रेनों का संचालन संभाल लिया है। कंपनी के प्रतिनिधियों का कहना है कि वे रेलवे को एक व्यवसायिक दृष्टिकोण से देख रहे हैं, जहां यात्री सुविधा के साथ-साथ कंपनी का मुनाफा भी शामिल है। इसके चलते कई ट्रेनों में जनरल डब्बों की संख्या को घटाने का प्रस्ताव पेश किया गया है। पहले जहां एक ट्रेन में चार से पांच जनरल डब्बे होते थे, वहीं अब यह संख्या घटाकर दो या तीन करने की योजना बनाई जा रही है।
यात्रा का व्यवसायिकरण और आम जनता की प्रतिक्रिया
जनता के बीच यह भावना भी है कि रेलवे का व्यवसायिकरण धीरे-धीरे आम आदमी की पहुंच से बाहर कर देगा। दिहाड़ी मजदूर रमेश यादव कहते हैं, “हम हर रोज जनरल डब्बे में सफर करते हैं क्योंकि ये सस्ता होता है। अगर आदानी ग्रुप जनरल डब्बे कम कर देगा और किराया बढ़ा देगा, तो हम कहां जाएंगे?” इसी तरह छात्र वर्ग में भी इस निर्णय को लेकर असंतोष है। एक छात्र, रीना शर्मा का कहना है, “मैं प्रतिदिन कॉलेज जाने के लिए जनरल डब्बे में सफर करती हूं। अगर ये सुविधा महंगी हुई, तो मेरे लिए पढ़ाई करना मुश्किल हो जाएगा।”
आदानी ग्रुप का पक्ष
आदानी ग्रुप का कहना है कि वे भारतीय रेल को एक नए स्तर पर ले जाने का प्रयास कर रहे हैं। कंपनी का उद्देश्य रेलवे को आधुनिक और सुविधाजनक बनाना है। आदानी ग्रुप के प्रतिनिधि का कहना है, “हम रेलवे को विश्व स्तरीय बनाने का सपना देख रहे हैं। यात्रियों की सुरक्षा, समय पर सेवा और आधुनिक सुविधाओं के लिए हम पूरी कोशिश करेंगे। इसके लिए कुछ किराये में बदलाव करना पड़ेगा, जिससे यह सेवा हमारे द्वारा निभाई जाने वाली गुणवत्ता के साथ मेल खा सके।”