26 अप्रैल को रिहा होंगे पूर्व सांसद आनंद मोहन
तत्कालीन डीएम जी. कृष्णैया की हत्या के दोषी और बाहुबली आनंद मोहन को नीतीश कुमार की सरकार ने सबसे बड़ा गिफ्ट दे दिया है। आनंद मोहन के बेटे और राजद विधायक चेतन आनंद के बेटे शादी है। राज्य सरकार ने आनंद मोहन की जेल से रिहाई का आदेश जारी कर दिया है। बिहार सरकार के विधि विभाग ने इस संबंध में आदेश जारी कर दिया है। राज्य सरकार ने आजीवन कारावास की सजा काट रहे आनंद मोहन समेत 27 अन्य कैदियों को जेल से रिहा करने का आदेश जारी किया है।
विधि विभाग ने उन लोगों की लिस्ट जारी की है, जिन्हें रिहा करने का आदेश जारी किया गया है। इस लिस्ट में आनंद मोहन का नाम 11वें नंबर पर है। बता दें कि आनंद मोहन फिलहाल पैरौल पर बाहर हैं। उन्हें अपने विधायक बेटे चेतन आनंद की सगाई और शादी के लिए 15 दिनों की पैरोल दी गयी है। चेतन की शादी 3 मई को होने वाली है। उनकी सगाई के दिन ही राज्य सरकार ने उन्हें बड़ा गिफ्ट दिया है।
बता दें कि इससे पहले राज्य सरकार ने आनंद मोहन की रिहाई के लिए अपने नियम कानून में फेरबदल किया था। दरअसल हत्या के मामले में उम्र कैद की सजा काटने वालों को जेल में अच्छे आचरण के लिए रिहाई का प्रावधान है. राज्य सरकार का परिहार बोर्ड इस संबंध में फैसला लेता है।
लेकिन बिहार में पहले से ये नियम था कि सरकारी कर्मी के हत्या के आरोपियों को समय पूर्व रिहाई का लाभ नहीं मिलेगा। लेकिन कुछ दिनों पहले ही बिहार सरकार ने नियम बदल कर सरकारी कर्मी की हत्या के आरोपियों को भी समय पूर्व रिहाई का नियम बना दिया था। सरकार ने अपने नियमों में संशोधन सिर्फ एक बार के लिए ही किया है।
राज्य सरकार ने आनंद मोहन के अलावा उनके जैसे आरोप में सजा काट रहे 21 अन्य कैदियों को भी लाभ दिया है. नियमों में फेरबदल के बाद आनंद मोहन के अलावा 21 अन्य कैदी भी जेल से छूटेंगे।
आनंद मोहन के करीबियों के मुताबिक वे फिलहाल पैरोल पर बाहर हैं. स्थायी रिहाई के लिए उन्हें जेल में जाकर कागजी कार्रवाई करनी होगी. इसके लिए 25 अप्रैल को आनंद मोहन सहरसा जेल जायेंगे. वहां कागजी कार्रवाई के बाद वे 26 अप्रैल को स्थायी तौर पर रिहा हो जायेंगे।
बता दें कि आनंद मोहन गोपालगंज के तत्कालीन डीएम जी कृष्णय्या की हत्या के आरोप में उम्रकैद की सजा काट रहे हैं. निचली अदालत ने उन्हें इस आरोप में फांसी की सजा सुनायी थी. हालांकि हाईकोर्ट ने इसे उम्र कैद की सजा में बदल दिया था उन्हें सुप्रीम कोर्ट से भी राहत नहीं मिली थी। बिहार सरकार ने कहा है कि आनंद मोहन 14 साल की सजा काट चुके हैं. उनके अच्छे व्यवहार के कारण उन्हें परिहार पर रिहा किया जा रहा है।