पूर्व सांसद आनंद मोहन की जल्द हो सकती है रिहाई
पूर्व सांसद और बाहुबली नेता आनंद मोहन की रिहाई का रास्ता अब साफ हो गया है उसके जेल से परमानेंट बाहर आने की सबसे बड़ी रुकावट को सरकार की तरफ से खत्म कर दिया गया है, सरकार ने 10 अप्रैल को बड़ा बदलाव किया है, बिहार कारा हस्तक 2012 के नियम 481-(i)(क) मैं संशोधन करके उस वाक्यांश को हटा दिया गया है, जिसमें सरकारी सेवक की हत्या को शामिल किया गया था, कानून के जानकार कहते हैं कि इस संशोधन के बाद अब ड्यूटी पर तैनात सरकारी सेवक की हत्या अपवाध की श्रेणी में नहीं गिना जाएगा, बल्कि यह एक साधारण हत्या मानी जाएगी, इस संशोधन के बाद आनंद मोहन के परिहार की प्रक्रिया अब आसान हो जाएगी क्योंकि सरकारी अफसर की हत्या के मामले में ही आनंद मोहन को सजा हुई थी, आनंद मोहन की राही में क्या बाधा थी, बिहार की रिमिशन परिहार की पॉलिसी 1984 में 2002 में 2 बड़े बदलाव किए गए थे,। बदलाव के तहत 5 कैटेगरी के कैदी को नहीं छोड़ने का प्रावधान शामिल किया गया था। यह ऐसे कैदी होते हैं जो 1 से अधिक मर्डर डकैती बलात्कार आतंकवादी साजिश रचने और सरकारी अधिकारी की हत्या के दोषी होंगे उनके छोड़ने का निर्णय सरकार लेगी। आनंद मोहन गोपालगंज के तत्कालीन डीएम जीकृष्णैया की हत्या की सजा काट रहे हैं। वे इस मामले में 14 साल की सजा काट चुके हैं। लेकिन सरकार के इस प्रावधान की वजह से उनकी रिहाई नहीं हो पा रही थी ऐसे में नए संशोधन के बाद अब इस कैटेगरी को ही समाप्त कर दिया गया। इसके कारण आनंद मोहन की रिहाई में जो अवरोध था वह पूरी तरह समाप्त हो गया। 5 दिन पहले प्रेस कॉन्फ्रेंस करके बताया, आनंद मोहन ने कहा था पॉजिटिव संकेत है। आनंद मोहन पिछले 6 महीने में तीन बार पैरोल पर बाहर आ चुके हैं। 5 दिन पहले बेटे की सगाई के लिए उन्हें 15 दिन की पैरोल मिली है जेल से बाहर आने पर उन्होंने रिहाई के सवाल पर कहा था कि सब सरकार के हाथ में है। मेरे हाथ में कुछ नहीं लेकिन संकेत पॉजिटिव मिल रहे हैं। इसके बाद अब सरकार का यह फैसला सामने आया है हालांकि अभी तक सरकार के किसी नेता या अधिकारी की तरफ से इस मामले पर कोई बयान नहीं आया है। अलग-अलग तर्कों का हवाला देकर आनंद मोहन की रिहाई की मांग वर्षों से की जा रही है पटना के मिलर हाई स्कूल में 23 जनवरी को महाराणा प्रताप की पुण्यतिथि समारोह का आयोजन हुआ था इसमें तब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी इस संबंध में इशारा किया था उन्होंने मन से ही इस बात की घोषणा की वह आनंद मोहन की रिहाई के बारे में सोच रहे हैं। काम किया जा रहा है तब उन्होंने कहा था कि आनंद मोहन हमारे मित्र रहे हैं जब वह जेल गए थे तो उनसे मिलने हम लोग गए थे। उम्र कैद की सजा काट रहे आनंद मोहन 6 महीने में 3 बार पैरोल पर बाहर आए हैं इस दौरान वह बेटी सुरभि आनंद की सगाई और शादी में शामिल हुए सगाई और शादी कार्यक्रम में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव समेत बिहार के बड़ी नेता शामिल हुए थे इसके बाद यह कयास लगाए जाने लगा था कि आनंद मोहन जल्द ही जेल से बाहर निकलेंगे। आनंद मोहन जेल जाते वक्त समर्थकों से कहा था सच और न्याय पर भरोसा रखें सब अच्छा होगा। आनंद मोहन ने कहा जी कृष्णेया मामले में मैं पूरी तरह निर्दोष हूं इस केस में दोनों परिवार हुए बर्बाद। एवं बेगुनाह रहते मुझे तो लोकतांत्रिक मूल्यों और न्याय व्यवस्था पर भरोसा जताना ही था। जल्द होगे आनंद मोहन जेल से रिहा।