मोदी के सबसे बड़े दुश्मन IPS को मिली उम्र कैद!
हिरासत में मौत मामले में गुजरात के जामनगर कोर्ट ने बर्खास्त आईपीएस अधिकारी संजीव भट्ट और उनके सहयोगी को दोषी करार दिया है | अब कोर्ट ने उन्हें उम्रकैद की सजा सुना दी है | 1990 में जामनगर में भारत बंद के दौरान हिंसा हुई थी| संजीव भट्ट उस वक्त जामनगर के एएसपी थे | इस दौरान 133 लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार किया, जिनमें 25 लोग घायल हुए थे और आठ लोगों को अस्पताल में भर्ती कराया गया था | न्यायिक हिरासत में एक आरोपी की मौत हो गई थी | उस वक्त भट्ट और उनके साथियों पर आरोपी के साथ मारपीट करने का आरोप लगा था | न्यायिक हिरासत में मौत के इस मामले में संजीव भट्ट और अन्य पुलिसकर्मियों के खिलाफ मुकदमा भी दर्ज कराया गया था | लेकिन गुजरात सरकार ने मुकदमा चलाने की इजाजत नहीं दी | 2011 में राज्य सरकार ने भट्ट के खिलाफ ट्रायल की अनुमति दे दी |
जानकारी के मुताबिक साल 1990 में जामनगर में भारत बंद के दौरान हिंसा हो गई थी | उस समय पकड़े गए आरोपियों में प्रभुदास माधवजी वैश्नानी की मौत न्यायिक हिरासत में हो गई थी | प्रभुदास के परिजनों ने आरोप लगाया था कि संजीव भट्ट ने अपने साथियों के साथ प्रभुदास के साथ मारपीट की, जिसके कारण प्रभुदास की मौत हो गई |