राम रहीम की एक दिन की पैरोल पर पूर्व गृह मंत्री ने उठाए सवाल, जानिए क्या है मामला
रोहतक। साध्वी यौन शोषण मामले में सुनारियां जेल में उम्र कैद की सजा काट रहे बाबा राम रहीम को एक दिन की पैरोल देने को लेकर पूर्व गृह राज्य मंत्री ने सवाल उठाते हुए पूरे मामले की जांच की मांग की है। साथ ही पूर्व मंत्री ने कहा कि इस मामले में वे भी कानूनी राय लेंगे और जरूरत पड़ी तो अदालत का भी दरवाजा खटखटाएंगे, जबकि जेल मंत्री का कहना है कि नियमों के तहत ही राम रहीम को पैरोल दी गई है और आपातकालीन स्थिति में इस तरह की पैरोल दी जा सकती है। बाबा राम रहीम की मां अस्पताल में उपचाराधीन हैं, उन्हीं के चलते यह पैरोल दी गई थी और पूरा मामला उनके संज्ञान में था।
दरअसल, साध्वी यौन शोषण मामले में जेल में बंद बाबा राम रहीम को 24 अक्टूबर को कड़ी सुरक्षा के बीच गुरुग्राम स्थित अस्पताल में भर्ती उनकी मां से मुलाकात कराने के लिए ले जाया गया था। बताया जा रहा है कि इस बारे में जेल अधीक्षक की तरफ से पुलिस अधीक्षक को बताया गया था और इसके बाद कड़ी सुरक्षा के बीच बाबा को गुरुग्राम अस्पताल ले जाया गया। बाबा को गुरुग्राम अस्पताल ले जाने के मामले का खुलासा होने पर तूल पकड़ रहा है। पूर्व गृह राज्य मंत्री सुभाष बतरा ने जेल अधिकारियों सहित सरकार की इस कार्रवाई पर सवाल उठाए हैं। हालांकि, इस बारे में जेल अधिकारी चुप्पी साधे हुए हैं और कुछ भी कहने को तैयार नहीं हैं।
पूर्व गृह मंत्री सुभाष बतरा ने कहा कि मध्य प्रदेश, बिहार व हरियाणा के उप चुनाव में लाभ लेने के लिए बाबा को पैरोल दी गई और पैरोल देने के लिए और भी कई खेल खेले गए हैं। इस प्रकरण की जांच कराई जाए।
मामले के तूल पकड़ने के बाद जेल मंत्री रणजीत चौटाला सामने आए और उन्होंने कहा कि आपातकालीन स्थिति में किसी भी कैदी को पैरोल दी जा सकती है। नियमों के तहत ही राम रहीम को पैरोल दी गई है। बाबा की पैरोल को लेकर पूरी तरह से मामला गुप्त रखा गया था और सुरक्षा में उन्हीं अधिकारियों को शामिल किया गया जो पूरी तरह से विश्वसनीय थे। पुलिस की करीब तीन बटालियन की बाबा की सुरक्षा के लिए गुरुग्राम गई थी।