कोरोना काल में पूर्व सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत की अटल आयुष्मान उत्तराखंड योजना प्रदेशवासियों के लिए बन रही संजीवनी
आज हम बात करेंगे एक ऐसी योजना की जो कोरोना के इस संकट काल में कई लोगों के लिए संजीवनी का काम कर रही है। पूर्व सीएम त्रिवेंद्र कि इसे दूरदर्शी सोच ही कहेंगे जो उन्होंने बिना किसी भेदभाव के प्रदेश के सभी परिवारों के लिए इस योजना को लागू किया और आपको यह भी जानना जरूरी है कि उत्तराखंड देश का पहला ऐसा राज्य है जहां इस योजना को संपूर्ण प्रदेश के परिवारों के लिए लागू करवाया गया ताकि बीमारी से जूझते हुए परिवारों की आर्थिकी कमजोर ना हो पाए और उन्हें अपनी गाढ़ी कमाई, जेवर, सम्पत्ति आदि से हाथ धोना ना पड़े।
कोरोना काल में आयुष्मान भारत और अटल आयुष्मान योजना के कारण देश में करोड़ों और देवभूमि उत्तराखंड के लाखों लोग अपना निःशुल्क, रियायती ईलाज करा पा रहे हैं। यही है केंद्र में नरेन्द्र और प्रदेश में त्रिवेन्द्र की दूरगामी और मिट्टी से जुड़ी सोच।
एक संवेदनशील जनसेवक एक ईमानदार नेतृत्व जिसने केवल और केवल जनता के लिए सोचा और आज उसी का परिणाम है प्रदेश के कई लोग कोरोना के संकट काल में अटल आयुष्मान उत्तराखंड योजना से जुड़े अस्पतालों में निःशुल्क, रियायती इलाज करवा पा रहे हैं। केवल कोरोना ही नहीं, आपको बता दें कि 25 दिसंबर 2018 से मात्र इन ढाई सालों में इस योजना से प्रदेश के लगभग ढाई लाख से अधिक लोग अपनी गंभीर से गंभीर बीमारियों का 05 लाख तक निःशुल्क इलाज करवा चुके हैं ।
स्वास्थ्य को लेकर त्रिवेन्द्र जी की जन्ताजनार्दन के लिए एक सोच रही “हर बीमार-मुफ्त उपचार” जो आज सार्थक सिद्ध हो रही है। आज इस वैश्विक संकटकाल में लोग उसका लाभ ले रहे हैं। कहते हैं कि बीमारी में छोटी-सी-छोटी मदद आपको जीवन भर के लिए याद रहती है और जहां बात हो बड़ी से बड़ी बीमारी के मुफ्त इलाज की हो तो इंसानों ऐसे क्षण को जन्म जन्मांतर तक याद रखना चाहेगा।
देश एवं प्रदेश को आयुष्मान भारत योजना व अटल आयुष्मान उत्तराखंड योजना के रूप में संजीवनी देने के लिए ऐसे जनसेवकों को कोटि-कोटि नमन।