बजाज ग्रुप के पूर्व चेयरमैन राहुल बजाज का 83 साल की उम्र में हुआ निधन, इतने करोड़ के थे मालिक
राहुल बजाज का 83 साल की उम्र में हुआ निधन, अपने पीछे छोड़ गए बेशुमार दौलत
लखनऊ: देश के फेमस बिजनेसमैन व बजाज ग्रुप के पूर्व चेयरमैन राहुल बजाज का आज 83 साल की निधन हो गया है. राहुल बजाज साल 1965 में बजाज ग्रुप का हिस्सा बने थे. इसके बाद उन्होंने कंपनियों को एक नए मुकाम तक पहुंचाया. राहुल बजाज के कार्यकाल में कंपनी का टर्नओवर लगभग 7.2 करोड़ से 12 हजार करोड़ रुपये पर पहुंच गया है. उन्होंने ऑटो सेक्टर में नई लहर ला दी थी. फोर्ब्स की रिपोर्ट के मुताबिक, राहुल बजाज की नेट वर्थ लगभग 820 करोड़ रुपये है.
इतने सालों तक निभाई परम्परा
बजाज ग्रुप स्कूटर बेचने वाली देश की सबसे पहले कंपनी के रूप में सामने आई थी. उन्होंने कंपनी में लगभग 50 सालों तक अपनी जिम्मेदारी निभाई थी. राहुल बजाज के चेयरमैन बनने के बाद कंपनी ने घरेलू मार्केट के साथ-साथ ग्लोबल मार्केट में भी अपनी बेहतरीन पहचान बनाई.
चेतक स्कूटर को मिला काफी नाम
राहुल बजाज देश के सफल उद्योगपतियों में से एक थे. साल 2006 से लेकर 2010 वह राज्य सभा के सदस्य भी रहे थे. इसके अलावा उन्होंने कंपनी का नेतृत्व करते हुए बजाज चेतक नाम का स्कूटर बनाया. इस स्कूटर को काफी नाम मिला और इसे भारत के मध्यम वर्गीय परिवारों के द्वारा काफी पसंद किया गया. इसके बाद कंपनी ने लगातार नई ऊंचाईंयों को छुआ. राहुल बजाज ने 30 अप्रैल 2021 को बजाज ग्रुप में अपने पद से इस्तीफा दे दिया था. वह लगभग 5 दशक से बजाज ग्रुप ऑफ कंपनीज से जुड़े रहे. राहुल बजाज के बेहतरीन अनुभव और कंपनी में उनकी रुचि के साथ ही एक सलाहकार व मेंटर के तौर पर उन्होंने समय-समय पर कंपनी के कर्मचारियों को काफी गाइड किया और कंपनी को नए मुकाम तक पहुंचाया.
पद्म भूषण से किया गया था सम्मानित
साल 2001 में राहुल बजाज को उद्योग एवं व्यापार क्षेत्र में पद्म भूषण से भी सम्मानित किया गया ता. इसके अलावा उनको ‘नाइट ऑफ द नेशनल ऑर्डर ऑफ द लीजन ऑफ ऑनर’ के खिताब से भी नवाजा गया था. राष्ट्रपति, प्रणब मुखर्जी ने बजाज को साल 2017 में लाइफटाइम अचीवमेंट के लिए सीआईआई राष्ट्रपति पुरस्कार भी दिया था.
राहुल बजाज स्वतंत्रता सेनानी जमनालाल बजाज के पोते थे. उनकी पढ़ाई दिल्ली के ही सेंट स्टीफेंस कॉलेज से हुई थी, वह लॉ की डिग्री हासिल करने के लिए मुंबई पहुंचे थे. राहुल के पिता कमलनयन और इंदिरा गांधी कुछ समय तक एक ही स्कूल में पढ़े थे.