एंटीबायोटिक दवाओं के नाम पर फर्जीवाड़ा, वाराणसी और जौनपुर में फेल हुए कई सैंपल
वाराणसी. कोरोना काल में बढ़ी एंटीबायोटिक दवाओं (Antibiotic Medicines) की मांग के चलते पूर्वांचल में ड्रग माफियाओं ने नकली दवा खपाने का पूरा जाल बिछाया हुआ है. ऐसा हम नहीं बल्कि ड्रग कंट्रोल विभाग के आंकड़े कह रहे हैं. ड्रग कंट्रोल विभाग की ओर से जो दवाओं के सैंपल भरे गए, उनकी रिपोर्ट आने के बाद हड़कंप मचा हुआ है. वाराणसी (Varanasi) में 104 सैंपल में दस दवाओं के सैंपल फेल हुए हैं. जिसमे छह दवाएं एंटीबायोटिक हैं. वहीं जौनपुर में 150 सैंपल लिए गए. जिनमे से बीस फेल हुए है इनमें 15 नकली एंटीबायोटिक मिले हैं. इनमे से अधिकतर ब्रांडेड कंपनियों के नाम से दवाओं का ये फर्जीवाड़ा हुआ है.
पड़ताल को जब आगे बढ़ाया गया तो जौनपुर में और भी चिंताजनक बात सामने आई. जौनपुर में बाइक सवार गिरोह इन दवाओं को मेडिकल स्टोर में देते थे. कई मेडिकल स्टोर संचालकों के पास इन दवाओं के बिल नहीं मिले. इसको लेकर बनारस में छह जबकि जौनपुर में 13 मुकदमे दर्ज हुए हैं. पांच से छह मेडिकल स्टोर संचालक के लाइसेंस निरस्त किए गए हैं. कई जगह दवा पर दर्ज निर्माता कंपनियों के नाम पते फर्जी मिले. ब्रांडेड कंपनियों की दवाओं में जब हेड ऑफिस में पूछताछ की गई तो पता चला कि उनके नाम का गलत इस्तेमाल हुआ है.
अगर आप अपनी सेहत को दुरुस्त रखने के लिए एंटीबायोटिक दवाओं का सेवन कर रहे हैं तो एक बार दवाओं को जांच जरूर लें. कहीं फायदे की जगह ये दवाएं आपके शरीर को नुकसान न पहुंचा दे. बनारस में बाकी फेल हुए सैंपल सेनेटाइजर और जानवरों की दवा आक्सीटोसन के नकली पाए गए. सहायक आयुक्त औषधि केजी गुप्ता ने बताया कि ये चिंताजनक बात है. पूर्वांचल में गाजीपुर में भी दो सैंपल फेल हुए हैं. दीपावली के बाद बड़े स्तर पर सैंपलिंग का अभियान चलाया जाएगा.