Farmer Protest: किसान आंदोलन में विदेशी सितारों का दखल, रिहाना से लेकर ग्रेटा थनबर्ग तक ने किया ट्वीट
नए कृषि कानूनों (New Farm Law) के विरोध में किसान संगठन दो महीने से अधिक समय से दिल्ली के बॉर्डर (Delhi Border) पर प्रदर्शन कर रहे हैं। इस आंदोलन की चर्चा विदेशों तक पहुंच गया है। भारत में चल रहे किसानों के आंदोलन के समर्थन में अब स्वीडन की पर्यावरण कार्यकर्ता ग्रेटा थनबर्ग (Greta Thunberg) भी आ गई हैं। 18 साल की ग्रेटा ने ट्वीट करके कहा कि हम भारत में चल रहे किसानों के प्रदर्शन के साथ पूरी एकजुटता के साथ खड़े हैं।
इससे पहले अमेरिकी गायिका रिहाना ने भी किसानों के आंदोलन का समर्थन किया था। रिहाना ने अपने ट्विटर पर किसान आंदोलन से जुड़ी खबर शेयर करते हुए लिखा कि हम इस बारे में बात क्यों नहीं कर रहे? वहीं, पर्यावरण एक्टिविस्ट ग्रेटा थनबर्ग ने कहा है कि हम भारत में किसानों के प्रदर्शन में एकजुटता से खड़े हैं। जानिए अबतक किस इंटरनेशनल सेलिब्रिटी ने क्या कहा है।
जबकि कनाडाई यू ट्यूबर , कॉमेडियन, टॉक शो होस्ट और अभिनेत्री लिली ने रिहाना के ट्वीट को रिट्वीट करते हुए लिखा है, हां! बहुत बहुत धन्यवाद, यह मानवता का मुद्दा है! #IStandWithFarmers।
पर्यावरण कार्यकर्ता जेमी मार्गोलिन ने भी किया ट्वीट
रिहाना के अलावा प्रदूषण के खिलाफ राजधानी दिल्ली की सड़कों पर विरोध प्रदर्शन करने वाली भारतीय एक्टिविस्ट लिसिप्रिया कंगुजम ने भी किसानों के समर्थन में ट्वीट कर लोगों से किसान आंदोलन का समर्थन करने की अपील की है। लिसिप्रिया कंगुजम की उम्र सिर्फ नौ साल है।
वहीं पर्यावरण कार्यकर्ता जेमी मार्गोलिन ने कहा, यह जरूरी है कि दुनिया भारतीय किसानों के साथ एकजुटता के साथ खड़ी हो, किसान जलवायु संकट के मोर्चे पर हैं, किसानों के बिना अन्न नहीं है, कृपया किसान आंदोलन का समर्थन करें!
ग्रेटा और रिहाना के ट्वीट को किया गया रिट्वीट
ग्रेटा और रिहाना दोनों ने ही किसानों के हिंसक प्रदर्शन को देखते हुए दिल्ली से सटे इलाकों में इंटरनेट बैन करने की खबर को शेयर किया है। उनके ट्वीट को अब तक करीब 30 हजार लोग रिट्वीट कर चुके हैं। वहीं कई लोग ऐसे हैं जो उन्हें किसानों की हिंसा की याद दिला रहे हैं। मिस्टर सिन्हा ने लिखा, बच्ची पहले अपने पैरों पर चलना सीखो और पढ़ाई पूरी करो।
महिनों से चल रहा है आंदोलन
गौरतलब है कि पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश के कुछ हिस्सों से हजारों की संख्या में किसान पिछले करीब दो महीने से विवादास्पद तीन नये कृषि कानूनों को रद्द करने और न्यूनतम समर्थन मूल्य की गारंटी देने की मांग करते हुए प्रदर्शन रहे हैं। तोमर ने लोकसभा में कहा, सरकार किसानों से जुड़े मुद्दों पर संसद के अंदर और बाहर चर्चा करने को तैयार है।
दूसरी ओर, एक प्रश्न के लिखित उत्तर में तोमर ने कहा, मुद्दे के समाधान के लिये सरकार एवं आंदोलनकारी किसान संगठनों के बीच 11 दौर की वार्ता हुई है और सरकार ने कृषि कानूनों में संशोधन के बारे में एक के बाद एक कई प्रस्ताव रखे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि उच्चतम न्यायालय ने हाल ही में कृषि सुधार कानूनों के कार्यान्वयन पर रोक लगा दी है।