महंगाई किसको निपटाएगी सरकार या जानता।
महंगाई कभी थमी नहीं है, बढ़ते हर साल के महंगाई भी बढ़ती गई है, लेकिन जब वही मेहेंगाई इंसान के जीवन
महंगाई कभी थमी नहीं है, बढ़ते हर साल के महंगाई भी बढ़ती गई है, लेकिन जब वही मेहेंगाई इंसान के जीवन व्यतीत करने की सबसे ज़रूरी चीज़े रोटी कपड़ा मकान, ये तीन चीज़े जब इंसान की हैसियत में ना रहे तो समझिए कि देश की हालत और खराब हो रही है, हर आदमी चाहे वो गरीब हो या मध्यम वर्ग का या फिर अमीर,हर कोई दो वक्त की रोटी के लिए ही कमाता है लेकिन जब महंगाई की मार पड़ती है तो चुलाह मध्यम व गरीब के घर में ही कम उपयोग होता है, और अब तो गैस सिलेंडर की भी क्या ही बात करे जनाब , हर् वर्ग के घर में सीएनजी और पेट्रोल का ये तो संभव नहीं है लेकिन गैस सिलेंडर हर मे होते है और उसके दामों की तो क्या ही बात करे जहा इंसान एक समय पे 4 रोटी खाता था वो अब 2 से ही अपने मनन व पेट को तस्साली दे रहा है और इसी बढ़ती महंगाई के बीच जब नेताओ के ऐसे तर्क सुनने को आए तो इस देश का आम आदमी क्या ही करे, देश में किसी भी प्रकार का उतार हो , भूकतना तो आद आदमी को ही पड़ता है , देखिए कैसे अपने ही देश की जानता को एक बार फिर चुना लगा रहे है ये नेता कहते हैं कि व्यक्ति की आए बढ़ रही है तो महंगाई का भी सामना करना पड़ेगा , और नेता कहते है कि जिंदगी में परेशानी ही सुख का आंनद देती है।
Reference: https://youtu.be/iLhKUf8Jz-Q
नींबू सब्जियों में सबसे छोटा मना जाता है लेकिन इसका दाम तो आसमां की उचैयो को छू रहे है , इस महंगाई का सबसे बड़ा असर हमारे घर की रसोई घर पड़ा है , जब इंसान जिस कारण ने कमा रहा है उसी कारण को भरपूर का कर पाए तो क्या फायदा, हर इन्सान की लिए घर की रसोई घर सबसे ज़रूरी होती है, लेकिन जब वही रसोई का राशन व खाना बनाने के लिए गैस सिलिंडर तक के पैसे ना हो तो अब अंदाज़ा लगा ही सकते है कि देश की हालत क्या ही होगी।
प्रधान मंत्री की उज्जवला योजना 2016 में जब आई थी तो उसका मकसद था कि देश की हर एक घर को एक स्वच्छ रसोई देना , चुहले से महिलाओ को गैस सिलिंडर की तरफ लाना ताकि उनके स्वस्थ को ज़्यादा नुक़सान ना हो , लेकिन अब की स्तिथि देख के तो लग रहा है कि महिलाओ को वापस चूल्हा फुखना पड़ेगा और इसी बीच देश को चलाने वाले नेताओ के ऐसे तर्क , ना जाने आने वाले दिन और क्या क्या और कैसे कैसे अच्छे दिन दिखाएंगे।